अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को पछाड़ दुनिया के सबसे महंगे होंगे 2019 लोकसभा चुनाव, जानें खर्च
क्या है खबर?
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अगले कुछ दिनों में दुनिया का सबसे महंगा चुनाव देखने जा रहा है।
NDTV की खबर के मुताबिक, लगभग छह सप्ताह तक चलने वाली इस चुनावी प्रक्रिया में लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह खर्च 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में हुए खर्च से ज्यादा है।
सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (CMS) ने अनुमान लगाया है कि 2019 का लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव से 40 प्रतिशत ज्यादा महंगा होगा।
जानकारी
11 अप्रैल से शुरू होंगे लोकसभा चुनाव
देश की 543 लोकसभा सीटों के लिए कुल सात चरणों में वोट डाले जाएंगेे। पहले चरण में 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होगा और 23 मई को नतीजें घोषित किए जाएंगे।
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर बढ़ेगा खर्च
इस बार के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर होने वाले खर्च में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होगी।
2014 चुनावों में सोशल मीडिया पर 250 करोड़ रुपये का खर्च हुआ था। इस बार के चुनावों में यह खर्च बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये से पार हो जाएगा।
बाकी खर्च में विज्ञापन, रैलियां, नेताओं और कार्यकर्ताओं के आने-जाने के लिए हेलिकॉप्टर और दूसरे वाहन समेत प्रचार के दूसरे खर्च हैं।
आइये जानते हैं कि इस चुनाव में सबसे ज्यादा खर्च कहां-कहां होगा?
वोटर्स को लालच
वोटर्स को लुभाने की कोशिश में पानी की तरह बहेगा पैसा
देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव के लिए 8,000 से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में होंगे। ऐसे में वोट पाने के लिए ये प्रत्याशी कई तरीके अपनाएंगे।
अधिकतर उम्मीदवार वोट लेने के लिए वोटर्स को नकद पैसे, शराब, टीवी सेट, साड़ियां आदि कई गिफ्ट देते हैं।
कई जगहों पर बकरी और मुर्गी आदि भी वोटर्स को गिफ्ट के तौर पर दी जाती है। ऐसे में इन सब को मिलाकर एक भारी रकम बनती है।
चुनावी रैलियां
रैली में भीड़ लाने के लिए लालच
चुनाव के दौरान नेता अपना जनाधार दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियां आयोजित करते हैं। इसमें लोगों के बुलाने के लिए उन्हें लालच दिया जाता है।
उन्हें रैली में लाने-ले जाने के लिए फ्री वाहन, महंगा खाना और कई बार कैश भी दिया जाता है।
इसके अलावा रैली में आए लोगों के लिए मनोरंजन, उनके रूकने और खाने का इंतजाम और उनकी सुरक्षा समेत दूसरी चीजों पर भारी मात्रा में पैसा खर्च किया जाता है।
ब्रांड बिल्डिंग
पार्टी की छवि चमकाने के लिए विज्ञापन
टीवी और अखबारों में विज्ञापन देने के क्षेत्र में काम करने वाली एक एजेंसी के मुताबिक, 2019 के चुनावों में लगभग 2,600 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च किए जाएंगे।
चुनाव आयोग का अनुमान है कि 2014 में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने विज्ञापनों पर खर्च किया था। इस लिहाज से इस बार यह खर्च दोगुना से ज्यादा है।
गौर करने वाली बात यह है कि इतना पैसा केवल टीवी और अखबारों में विज्ञापन देने के लिए खर्च किया जाएगा।
व्यवस्था
चुनाव आयोग को व्यवस्था बनाने में
देशभर में चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। चुनाव आयोग लगातार इन चुनावों की तैयारियों में लगा रहता है।
इसमें मतदाता पहचान पत्र बनाने, देश के अलग-अलग कोनों में पोलिंग बूथ बनाने, चुनाव करवाने और नतीजे घोषित करने के काम शामिल होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में लाखों लोग शामिल होते हैं।
साथ ही सुरक्षाबलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना पड़ता है।
इन सब कामों के लिए भारी पैसे की जरूरत पड़ती है।