भारतीय वायुसेना में शामिल हुए आठ अपाचे हेलिकॉप्टर, पाकिस्तानी सीमा के पास होंगे तैनात
अमेरिका में बने अपाचे AH-64E(I) हेलिकॉप्टर मंगलवार को भारतीय वायुसेना में शामिल हो गए। पठानकोट एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ की मौजूदगी में आठ अपाचे हेलिकॉप्टर वायुसेना का हिस्सा बने। वायुसेना में शामिल होने से पहले इन हेलिकॉप्टर के सामने नारियल फोड़ा गया और पारंपरिक तरीके से पानी की बौछारों के बीच इसका बेड़े में स्वागत किया गया। भारत ने विमान निर्माता कंपनी बोइंग के साथ सितंबर 2015 में 22 हेलिकॉप्टर का सौदा किया था।
पठानकोट में तैनात होंगे चार हेलिकॉप्टर
लगभग 1.1 बिलियन डॉलर की कीमत वाले इस समझौते के तहत भारत को आठ हेलिकॉप्टर मिल गए हैं। बाकी बचे हेलिकॉप्टर अगले साल तक भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन जाएंगे। इन आठ में चार हेलिकॉप्टर पठानकोट में तैनात किये जाएंगे। वायुसेना के बेड़े में शामिल होने वाला अपाचे अमेरिका में बना दूसरा हेलिकॉप्टर है। इससे पहले मार्च में अमेरिका में ही बने बोइंग CH-47F (I) चिनूक हेलिकॉप्टर को वायुसेना में शामिल किया गया था।
पानी की बौछारों से हुआ स्वागत
वायुसेना प्रमुख ने कही यह बात
वायुसेना प्रमुख धनोआ ने कहा कि यह दुनिया के सबसे घातक हेलिकॉप्टर में से एक है। यह कई मिशन को अंजाम देने में सक्षम है। आज भारतीय वायुसेना ने अपनी इन्वेंट्री को नई तकनीक के हेलिकॉप्टर से अपग्रेड किया है।
सबसे घातक हेलिकॉप्टर है अपाचे
बोइंग के AH-64E अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को दुनिया का सबसे आधुनिक और घातक हेलिकॉप्टर माना जाता है। अपाचे के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में पहले से ज्यादा इजाफा होगा। इस हेलिकॉप्टर को सबसे पहले अमेरिकी सेना के लिए ह्यूज हेलिकॉप्टर ने मॉडल 77 के नाम से विकसित किया था। कुछ बदलावों के बाद इसे AH 64E गार्डियन नाम दिया गया था। भारतीय वायुसेना ने पर्वतीय इलाकों के हिसाब से इसमें कुछ अतिरिक्त बदलाव करवाए हैं।
नारियल फोड़कर किया गया अपाचे का स्वागत
लादेन को मारने के लिए अमेरिका ने किया था अपाचे का इस्तेमाल
अमेरिकी सेना ने अपाचे और ब्लै हॉल हेलिकॉप्टर में कुछ बदलाव कर इसका इस्तेमाल लादेन को मारने के लिए किया था। अमेरिकी सेना के कमांडो इन हेलिकॉप्टर में सवार होकर पाकिस्तान में घुसे थे और पाकिस्तानी सेना का इसकी भनक तक नहीं लगी थी। भारतीय वायुसेना में भी इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल विशुद्ध रूप से हमले करने के लिए किया जाएगा। यह दुश्मन की किलेबंदी भेदने में पूरी तरह सक्षम है।
MI-35 की जगह लेगा अपाचे हेलिकॉप्टर
बोइंग से लिया गया अपाचे हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना में इस्तेमाल हो रहे MI-35 हेलिकॉप्टर की जगह लेंगे। इसका बेड़ा सेवा से रिटायर होने की कगार पर है। बता दें, बोइंग ने ही फरवरी में वायुसेना को चार चिनूक हेलिकॉप्टर की आपूर्ति की थी।
अपाचे की पहली उड़ान की वीडियो
ये हैं अपाचे हेलिकॉप्टर की खास बातें
अपाचे हेलिकॉप्टर में दो जनरल इलेक्ट्रिक T700 टर्बोशैफ्ट इंजन लगे हैं। इसमें लगे सेंसर की वजह से यह रात में भी उड़ान भर सकता है। यह 365 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। तेज गति की वजह से यह दुश्मन के टैंकों के परखच्चे उड़ा सकता है। हेल्मेट माउंटेड डिस्प्ले, इंटिग्रेटेड हेलमेट और डिस्प्ले साइटिंग सिस्टम की मदद से पायलट इसमें लगी चेनगन से दुश्मन को आसानी से निशाना बना सकता है।