मुंबई: चार फाइव-स्टार होटलों बम से उड़ाने की धमकी, मांगे बिटकॉइन
देश की मायानगरी के नाम से मशहूर मुंबई के चार फाइव-स्टार होटलों को बुधवार रात बम से उड़ाने की धमकी का मेल मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। पुलिस ने होटल पहुंचकर बारीकी से जांच की, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। धमकी भरा मेल भेजने वाले शख्स ने खुद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का दावा किया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मेल भेजने वाले ने की 100 बिटकॉइन देने की मांग
धमकी भरे मेल में लिखा है, 'हम लश्कर-ए-तैय्यबा सेंट्रल विलायत ऑफ पाकिस्तान और खलीफा समर्थकों ने आपके होटल में बम धमाके करने के लिए अपने शाहिद को भेजा है। आने वाले 24 घंटों में वह आपके होटल में होंगे। यदि हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तो होटल में हर जगह धमाके होंगे। हमें जल्द से जल्द 100 बिटकॉइन (छह करोड़ 87 लाख रुपये) का भुगतान करें। पैसा जमा होने के बाद हम ऑपरेशन को रोक देंगे।'
इन होटलों को मिली धमकी
आरोपी ने मुंबई के चार होटल लीला, रामेडा, पार्क और सी प्रिंस को यह धमकी भरा ईमेल भेजा है। मेल मिलने के बाद होटल प्रबंधन ने तत्काल पुलिस को मामले की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने होटलों की सुरक्षा बढ़ा दी। पुलिस उपायुक्त (ऑपरेशन) प्रणय अशोक ने बताया कि बॉम स्क्वॉयड और डॉग स्क्वॉयड के जरिए चारों होटलों की बारीकी से जांच की गई है, लेकिन अभी तक न तो बम मिले हैं और न ही कोई संदिग्ध।
मेल के आधार पर पुलिस आरोपी का पता लगाने में जुटी
पुलिस उपायुक्त अशोक ने बताया कि होटलों को भेजे गए ईमेल के आधार पर आरोपी का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस साइबर सेल की मदद से मेल भेजने वाली जगह का पता लगाने का प्रयास कर रही है। आरोपी ने मेल में यह भी लिखा है कि मांग पूरी नहीं होने पर वह होटल में ठहरे लोगों का अपहरण करेंगे तथा बच्चों को मारेंगे। वह अल्लाह के नाम पर अपनी जान देने को तैयार है।
लोगों के जेहन में ताजा है 2008 के हमले की भयावहता
चार होटलों को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद मुंबईवासियों के जेहन में साल 2008 के हमलों की यादें ताजा हो गई। उस दौरान आतंकियों ने होटल ताज और ट्राइडेंट को अपना निशाना बनाया था। आतंकियों ने होटल में रुके लोगों को बंधक बना लिया था। उस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी और पुलिस विभाग के कई जांबाज अफसर शहीद हो गए थे। उसके बाद से ही एजेंसियां अलर्ट पर रहती हैं।