मिशन वंदे भारत: विदेशों में फंसे भारतीयों को लेकर केरल लौटी पहली फ्लाइट
भारत ने गुरुवार को कोरोना वायरस संकट के कारण विदेशों में फंसे नागरिकों को वापस लाने का अभियान शुरू किया था। इसके तहत आबूधाबी से पहली एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट गुरुवार रात 10:20 मिनट पर 177 यात्रियों और चार बच्चों समेत केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर उतरी। इसके थोड़ी ही देर बाद केरल के ही कोझीकोड एयरपोर्ट पर एक और फ्लाइट दुबई से 177 यात्रियों और पांच बच्चों को लेकर लैंड हुई। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
'मिशन वंदे भारत' के तहत विदेशों से लाये जाएंगे भारतीय
भारत ने महामारी के कारण विदेशों में फंसे अपने नागरिकों के लिए 'मिशन वंदे भारत' शुरू किया है। इसके पहले चरण में अलग-अलग देशों में फंसे लगभग 15,000 नागरिकों को वापस लाने के लिए 64 हवाई जहाज और नौसेना के तीन पोत भेजे जाएंगे।
क्वारंटाइन किए जाएंगे विदेशों से आने वाले सभी भारतीय
कोच्चि और कोझीकोड एयरपोर्ट पर उतरे यात्रियों का पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (PPE) सूट पहने अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों ने स्वागत किया। इसके बाद इन्हें अनिवार्य स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया। इनमें से जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण देखे गए, उन्हें COVID-19 अस्पताल और बाकियों को उनके गृह जिलों में सरकार की तरफ से तैयार किए क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा गया है। यहां उन्हें 14 दिन तक रहना होगा।
इन लोगों को होगी होम क्वारंटाइन की इजाजत
हालांकि, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को उनके घर जाने की इजाजत होगी, लेकिन उन्हें घर पर भी क्वारंटाइन रहना होगा। दोनों उड़ानों में लगभग 60 गर्भवती महिलाएं भारत आई हैं।
ओडिशा हाई कोर्ट के फैसले से प्रवासियों की घर वापसी प्रभावित
दूसरी तरफ ओडिशा हाई कोर्ट ने कहा कि केवल उन्हें प्रवासियों को राज्य में आने की अनुमति दी जाएगी, जिनका COVID-19 टेस्ट नेगेटिव आया है। इसके बाद राज्य सरकार को दूसरे राज्यों को दी गई प्रवासियों को भेजने की परमिशन रद्द करनी पड़ी। जस्टिस एस पांडा और केआर मोहपात्रा की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार सुनिश्चित करे कि केवल वही प्रवासी ओडिशा आने के लिए बसों या ट्रेनों में सवार हो, जिनका कोरोना वायरस टेस्ट नेगेटिव आ चुका है।
सूरत से ओडिशा आने वाली पांच ट्रेनें करनी पड़ीं रद्द
हाई कोर्ट के इस फैसले से उन हजारों प्रवासियों पर असर पड़ेगा, जो अपने घर आने के लिए निकल पड़े हैं और रास्ते में हैं। साथ ही शुक्रवार को सूरत से ओडिशा आने वालीं पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी रद्द करनी पड़ी हैं।
पिछले तीन दिनों में गुजरात में 1,200 नए मामले
गुरुवार को गुजरात में कोरोना संक्रमण के 383 नए मामले सामने आए। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 7,000 से पार हो गई है। इनमें से 1,200 से ज्यादा मामले पिछले तीन दिनों में सामने आए हैं। गुरुवार को हुई 29 मौतों के साथ राज्य में महामारी के कारण मरने वालों का आंकड़ा 425 पहुंच गया है। महाराष्ट्र के बाद गुजरात में देश में सर्वाधिक संक्रमण और मौतें हुई हैं। यहां का अहमदाबाद महामारी से बुरी तरह प्रभावित है।
बढ़ते मामलों के कारण अहमदाबाद में पूर्ण लॉकडाउन
गुरुवार को गुजरात में सामने आए कुल 383 में से 275 मामले अहमदाबाद के हैं। अहमदाबाद में गुजरात के कुल मामलों में से 71 प्रतिशत है। अगर इसकी तुलना मुंबई से की जाए तो यहां महाराष्ट्र के कुल मामलों में से 63 प्रतिशत है। लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने 15 मई तक अहमदाबाद में पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया है। इस दौरान दवा और दूध की दुकानों को छोड़कर बाकी सबकुछ बंद रहेगा।
श्रमिकों के लिए ट्रेन चलाएगी कर्नाटक सरकार
राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन न चलाने के कारण आलोचना का शिकार हुई कर्नाटक सरकार ने ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। हालांकि, इसी बीच मजदूरों के कई समूह पैदल ही अपने घरों की तरफ रवाना हो गए हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि ट्रेनों का शेड्यूल फिक्स होने के बाद मजदूरों को रेलवे स्टेशन पर लाकर उनके राज्यों में जाने वाली ट्रेनों में सवार किया जाएगा।