यहां शराबियों को किया जाता है पिंजरे में बंद, बाहर निकलने के लिए लगता है जुर्माना
क्या है खबर?
मुझे पीने का शौक नहीं, पीता हूं गम भुलाने के लिए..! ऐसे कई गाने हैं जो शराबियों की हिम्मत को दोगुना कर देते हैं!
हंसिए मत, क्योंकि यह गंभीर विषय है। शराब पीने वालों की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिस वजह से लोग जिंदगी गंवा रहे हैं।
ऐसे में एक जगह ऐसी है जहां शराबियों की इस लत को छुड़वाने के लिए पिंजरे में बंद कर दिया जाता है। सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन यह सच है।
मामला
शराबी को 24 घंटें तक रखा जाता है बंद
गुजरात में शराब पर पाबंदी है, लेकिन फिर भी शराब पीने वाले लोग किसी न किसी तरीके से शराब पी लेते हैं।
ऐसे में अहमदाबाद जिले के मोतीपुरा गांव के लोगों ने शराबियों के खिलाफ पिंजरानुमा जेल बनाई है, जिसमें नशे में पाए गए गांव के हर व्यक्ति को बंद कर दिया जाता है।
बता दें कि 24 घंटें तक शराबी इसी में बंद रहता है। इसके बाद ही उसके परिजन 1,200 रुपये जुर्माना देकर उसे ले जा सकते हैं।
बयान
शराबियों की लत छुड़वाने के लिए तय की सजा
जानकारी के मुताबिक, एक समय था जब इस गांव में शराबियों का आतंक खुलेआम था।
इसके कारण गांववालों ने इस पिंजरे की शुरुआत तीन साल पहले की थी। इसके बाद से यहां शराबियों की संख्या न के बराबर हो गई है।
मोतीपुरा गांव के सरपंच बाबूभाई नायक ने बताया कि उन्होंने शाराबियों की लत छुड़वाने के लिए तीन बार पकड़े जाने पर गांव से बहिष्कार जैसी सजाएं तय की थी। हालांकि, ऐसी नौबत नहीं आई।
वजह
इस वजह से शराबियों ने अपनी लत पर किया काबू
अभी भी इस जेलनूमा पिंजरे को गांव में रखा जाता है ताकि एक भी शराबी बच न सके।
ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी चिंताजनक समस्या के लिए सख्त कदम उठाने पड़ते हैं, क्योंकि एक समय पहले गांव की आधी से ज्यादा आबादी शराब की लत का शिकार थी।
पिंजरे में बंद होने का डर, उससे बाहर निकलने के लिए जुर्माना और गांववालों के सामने बेज्जती, इन सभी के डर से लोगों ने धीरे-धीरे शराब पीना छोड़ दिया।