गुजरात: मेडिकल टेस्ट के लिए जबरन उतरवाए गए महिला क्लर्कों के कपड़े
क्या है खबर?
कुछ दिन पहले गुजरात के एक कॉलेज में पीरियड्स चेक करने के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाने का मामला सामने आया था। अब एक और ऐसा मामला सामने आया है।
इस बार मामला सूरत नगर निगम का है। यहां ट्रेनिंग पूरी कर चुकी महिला क्लर्कों को मेडिकल टेस्ट के लिए जबरन कपड़े उतरवाकर खड़ा रखा गया।
मामला सामने आने पर विवाद शुरू हो गया, जिसके बाद घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
कार्रवाई
शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित
बताया जा रहा है कि यह घटना 20 फरवरी को सूरत म्यूनिसिपल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च (SMIMER) में हुई।
नगर निगम के कर्मचारियों ने बताया कि महिला क्लर्कों के कपड़े उतारकर प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अविवाहित महिलाओं के साथ भी ऐसा किया गया।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए निगम आयुक्त ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
नियम
ट्रेेनिंग पूरी करने के बाद जरूरी है मेडिकल टेस्ट
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनिंग पूरी कर चुके सभी कर्मचारियों को अपनी फिटनेस साबित करने के लिए फिजिकल टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होता है।
तीन साल का ट्रेनिंग समय पूरा होने के बाद कुछ महिला क्लर्क SMIMER अस्पताल में टेस्ट के लिए आई थीं।
वहीं कर्मचारी संघ का कहना है कि वो इस टेस्ट और टेस्ट की प्रक्रिया के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरीके से इस बार टेस्ट किया गया वह अनुचित था।
जानकारी
महिलाओं ने डॉक्टर पर लगाया अशिष्ट व्यवहार करने का आरोप
इस दौरान महिलाओं को विवादित टू-फिंगर टेस्ट से भी गुजरना पड़ा। कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया कि गायनोकोलॉजी टेस्ट करने वाली महिला डॉक्टर उनके साथ अशिष्ट व्यवहार कर रही थी।
आरोप
महिलाओं की निजता का नहीं रखा गया ख्याल- शिकायत
कर्मचारी संघ ने आयुक्त को सौंपी अपनी शिकायत में कहा है कि महिला डॉक्टर ने एक-एक कर महिला को अंदर बुलाने की बजाय 10 के समूह में महिलाओं को अंदर बुलाया और उन्हें निर्वस्त्र खड़ा रखा।
उन्हें दूसरी महिलाओं के साथ ऐसी स्थिति में खड़ा रखना अपमानजनक है। यह तरीका गैरकानूनी और मानवता के खिलाफ है। यह जरूरी है कि हर महिला का अलग-अलग टेस्ट हो।
टेस्ट करने के दौरान डॉक्टर ने दरवाजा भी बंद नहीं किया था।
आश्वासन
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
कर्मचारी संघ के महासचिव अहमद शेख ने कहा कि महिला डॉक्टर ने प्रेग्नेंसी से लेकर महिलाओं से अभद्र सवाल पूछे।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर को निजी सवाल पूछने से बचना चाहिए। अविवाहित महिलाओं तक से ये सवाल पूछे गए। उन्हें दूसरी महिलाओं के सामने असहज महसूस कराया गया।
उन्होंने मांग की कि ऐसे मेडिकल टेस्ट के समय महिला की इज्जत का ख्याल रखा जाना चाहिए।
सूरत के मेयर जगदीश पटेल ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
पुराना मामला
हाल ही में सामने आया था ऐसा ही मामला
पिछले सप्ताह गुजरात के भुज के एक कॉलेज में 68 छात्राओं के कपड़े और अंतर्वस्त्र उतरवा कर उनका मासिक धर्म चेक करने का मामला सामने आया था।
छात्राओं के हॉस्टल के बाहर एक सैनिटरी पैड मिलने के बाद महिला शिक्षकों ने ये कार्रवाई की।
उन्हें शक था कि कुछ छात्राएं कॉलेज के नियमों के विपरीत मासिक धर्म के दौरान हॉस्टल में अन्य छात्राओं के साथ रह रही हैं।
इस बारे में आप यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ सकते हैं।