अमित मालवीय की शिकायत पर 'द वायर' के खिलाफ FIR दर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला
क्या है खबर?
भाजपा की IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने समाचार पोर्टल 'द वायर' (The Wire) और उसकी संपादकीय टीम के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी की FIR दर्ज की है।
मालवीय का आरोप है कि है कि समाचार पोर्टल और उसके संपादकों ने उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए फर्जी रिपोर्ट तैयार की और फिर बाद में उसे हटा दिया।
ऐसे में आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
FIR
किसके खिलाफ किन धाराओं में दर्ज की गई है FIR?
अमित मालवीय ने शुक्रवार को विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) से मिलकर 'द वायर' और संपादकों के खिलाफ शिकायत दी थी।
उसके आधार पर दिल्ली पुलिस ने 'द वायर' के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन, संपादक सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणु और उपसंपादक जाह्नवी सेन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल), 500 (मानहानि), 120B (आपराधिक साजिश) और 34 के तहत मामला दर्ज किया है।
कारण
मालवीय ने क्यों दर्ज कराई शिकायत?
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत 6 अक्टूबर से हुई थी। 'द वायर' ने एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए दावा किया था कि मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम ग्रुप) ने एक निजी अकाउंट 'क्रिंगअरचिविस्ट' (Cringearchivist) द्वारा अपलोड की गई पोस्ट को कुछ ही मिनटों के भीतर हटा दिया था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मेटा ने अपने एक्सचेक या क्रॉसचेक प्रोग्राम में मालवीय को सरकार या भाजपा के खिलाफ कंटेंट पर कार्रवाई के लिए विेशेषाधिकार दिए हैं।
जानकारी
रिपोर्ट में मालवीय पर लगाया गया था विशेषाधिकारों के दुरुपयोग का आरोप
'द वायर' ने अपनी इस रिपोर्ट में मालवीय पर मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम से मिले विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करते हुए 'क्रिंगअरचिविस्ट' अकाउंट से की अपलोड की गई पोस्ट को हटवाने का भी आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट में सबका ध्यान खींचा था।
विवाद
'द वायर' की रिपोर्ट पर उठे थे सवाल
'द वायर' की इस रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए जा रहे थे और उसके सूत्रों की विश्वसनीयता पर भी संदेह था।
हालांकि, समाचार पोर्टल ने रिपोर्ट के सही होने का दावा किया और उसे बनाए रखा था।
उस दौरान पोर्टल के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा था कि यह रिपोर्ट कई मेटा सूत्रों के हवाले से आई है और उनके सूत्र पूरी तरह से विश्वसनीय है। वह उनसे मिले हैं और रिपोर्ट के तथ्यों को सत्यापित हैं किया है।
खंडन
मेटा ने किया था 'द वायर' की रिपोर्ट का खंडन
'द वायर' की इस रिपोर्ट को लेकर 11 अक्टूबर को मेटा ने इसका खंडन किया था।
कंपनी ने कहा था कि उसके एक्सचेक प्रोग्राम का उद्देश्य प्लेटफॉर्म पर झूठी या भ्रामक पोस्ट रोकना है। इसमें विवादित पोस्ट को स्वचालित रूप से हटाने की सुविधा दी गई है। ऐसे में समाचार पोर्टल की ओर से प्रकाशित की गई रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है और उसमें दिए गए सभी तथ्य झूठे हैं। इससे समाचार पोर्टल के खिलाफ माहौल बन गया था।
परिणाम
'द वायर' ने रिपोर्ट हटाकर मांगी माफी
मेटा के रिपोर्ट का खंडन करने के बाद 'द वायर' ने अपनी रिपोर्ट को पोर्टल से लिया था।
कंपनी ने मामले में रिपोर्ट लिखने में शामिल पत्रकार देवेश कुमार को हटा दिया था तथा उपसंपादक जाह्नवी सेन ने सार्वजनिक रूप से मांफी मांगी थी।
इसके अलावा कंपनी ने कहा था कि उनकी जांच जारी है। रिपोर्ट में इस्तेमाल कुछ तथ्यों में विसंगतियां सामने आई हैं। ऐसे में कंपनी का मानना है कि उस रिपोर्ट को वापस लेना ही उपयुक्त होगा।
शिकायत
मालवीय ने दर्ज कराई शिकायत
इस मामले में मालवीय ने गत शुक्रवार को कहा था कि वह कथित जालसाजी, मानहानि, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के लिए 'द वायर' और उसके संपादकों के खिलाफ FIR दर्ज करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा था, 'यह स्पष्ट है कि द वायर और कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मेरी प्रतिष्ठा को खराब करने के इरादे से एक आपराधिक साजिश रची और मुझे फंसाने के लिए फर्जी सबूत बनाए गए। नतीजतन, मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।'
बयान
कंपनी ने माफी जारी करने से भी किया परहेज- मालवीय
मालवीय ने यह भी कहा था कि दोषियों ने आज तक उन्हें संबोधित करते हुए एक माफी जारी करने से भी परहेज किया है। जबकि, यह सामने आ चुका है कि उस रिपोर्ट से उनकी छवि खराब हुई है।
उन्होंने कहा कि समाचार पोर्टल की उस रिपोर्ट से उनके पेशेवर करियर और प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा है। इसी तरह झूठी, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टों ने भी जनता की नज़र में भाजपा की छवि को धूमिल किया है।