बाराबंकी मस्जिद विध्वंस पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर 'द वायर' के खिलाफ FIR
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में न्यूज वेबसाइट 'द वायर' के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह मामला बाराबंकी में एक मस्जिद ढहाए जाने पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर दर्ज किया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह एक 'गैर-अधिकृत ढांचा' था। पुलिस ने द वायर पर 'शत्रुता बढ़ाने' और 'दंगा करवाने की नियत' रखने का आरोप लगाया है। द वायर के खिलाफ बुजुर्ग की पिटाई के वीडियो मामले में भी एक FIR दर्ज की गई थी।
जिलाधिकारी बोले- डॉक्यूमेंट्री में आधारहीन बातें कही गईं
बाराबंकी के जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने कहा, "न्यूज वेबसाइट द वायर ने 23 जनवरी को ट्विटर पर एक डॉक्यूमेंट्री शेयर की थी, जिसमें आधारहीन और झूठी बातें कही गई थीं। इसमें कुछ बेतुकी टिप्पणियां की गई थीं कि प्रशासन ने धर्म विशेष के धार्मिक ग्रंथों को अपवित्र कर नाले में फेंक दिया। ऐसा कुछ नहीं हुआ था। द वायर ने इन टिप्पणियों के सहारे समाज में कलह पैदा करने और सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश की है।"
FIR में द वायर के दो पत्रकारों के भी नाम
NDTV के अनुसार, FIR में द वायर के साथ-साथ उसके साथ जुड़े दो पत्रकारों के नाम भी शामिल किए गए हैं। इनके खिलाफ धार्मिक आधार पर शत्रुता बढ़ाने और आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप लगाए गए हैं।
FIR से डरने वाले नहीं- वर्धराजन
FIR पर प्रतिक्रिया देते हुए द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वर्धराजन ने कहा कि वो इससे डरने वाले नहीं हैं और यह मामला भी उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पहले दर्ज किए तीन मामलों की तरह 'निराधार' है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार मीडिया की आजादी में भरोसा नहीं रखती। उत्तर प्रदेश में नेता और असामाजिक तत्व नफरत और हिंसा को बढ़ावा देते हैं, लेकिन वो कभी पुलिस को खतरा नजर नहीं आते।
क्या है बाराबंकी मस्जिद विध्वंस मामला?
बीते महीने प्रशासन ने बाराबंकी के राम स्नेही घाट इलाके में बनी गरीब नवाब मस्जिद को ढहा दिया था। प्रशासन ने इसे अनाधिकृत ढांचा बताते हुए कहा कि मस्जिद को ढहाए जाने से पहले सभी तय प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने प्रशासन को इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
बुजुर्ग की पिटाई के मामले में द वायर के खिलाफ हुई है FIR
बीते सप्ताह गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो शेयर करने के मामले में द वायर के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इस FIR में वायर के अलावा पत्रकार राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद, मसकूर उस्मानी, लेखिका सबा नकवी और सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर का नाम शामिल है। पुलिस ने इनके खिलाफ दंगे भड़काने, समुदायों के बीच द्वेष भड़काने, धार्मिक भावनाएं आहत करने और आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप लगाए हैं।