किसानों ने छोड़ा नोएडा एक्सप्रेसवे, पुलिस के बैरिकेड्स हटाने के बाद बहाल हुआ ट्रैफिक
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए एकत्र हुए उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों ने सोमवार को शाम को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को खाली कर दिया है। इसके बाद पुलिस ने बैरिकेडिंग हटाकर एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक को फिर से बहाल कर दिया। दरअसल, नोएडा अथॉरिटी के पदाधिकारियों के साथ हुई बातचीत में किसानों को मुख्य सचिव से मुद्दों पर गंभीर चर्चा का आश्वासन मिला है। इसके बाद किसान एक्सप्रेसवे से हटने के लिए तैयार हो गए।
किसानों ने दिया 7 दिन का समय
NDTV के अनुसार, बैठक में भारतीय किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने सहित किसानों की विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र को एक सप्ताह का समय देने का फैसला किया है। इसके बाद किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन अस्थायी रूप से अंबेडकर पार्क में स्थानांतरित कर दिया। हालांकि, किसानों ने 7 दिन में मांगें पूरी न होने पर दोबारा मार्च शुरू करने की चेतावनी दी है।
किसानों के मार्च के कारण दिनभर जाम रहा ट्रैफिक
इससे पहले दिन में दिल्ली-नोएडा सीमा पार करने वाले यात्रियों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा, क्योंकि पुलिस ने किसानों के मार्च को रोकने के लिए कई बैरिकेड्स लगाए थे। इसके कारण चिल्ला बॉर्डर, यूपी गेट, महामाया फ्लाई ओवर, कालिंदी कुंज और DND बॉर्डर पर जाम लग गया। वाहन चालक घंटों तक जाम में फंसे रहे। पुलिस ने दिल्ली-नोएडा सीमा के दोनों ओर बैरिकेड्स लगा दिए, जिससे नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग जाम हो गया।
किसानों ने क्यों किया 'दिल्ली मार्च' का निर्णय?
दरअसल, BKP के किसान पिछले 4 दिनों से अपनी 5 मांगों को लेकर यमुना प्राधिकरण कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। रविवार को उनकी प्राधिकरण के अधिकारियों, जिला प्रशासन और पुलिस के साथ 3 घंटे तक बैठक हुई थी, जिसमें कोई हल न निकलने पर 'दिल्ली मार्च' का निर्णय लिया गया। किसान नेताओं का कहना था कि मार्च में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर नहीं बल्कि अलीगढ़, बुलंदशहर और आगरा समेत 20 जिलों के किसान हिस्सा लेंगे।
किसानों की क्या है मांग?
BKP की मांग है कि पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत विकसित भूखंडों का आवंटन किया जाए। साथ ही 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा मिले। गोरखपुर की तरह 1 जनवरी, 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार की दर से 4 गुना मुआवजा और 20 प्रतिशत भूखंड दिया जाए। भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का फायदा मिले और हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर सरकार आदेश जारी हो और आबादी वाले क्षेत्रों का विकास हो।
संयुक्त किसान मोर्चा 6 दिसंबर से शुरू करेगा आंदोलन
किसानों का यह आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से अलग है। SKM के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी जैसी मांगों को लेकर 6 दिसंबर से आंदोलन शुरू करेंगे। SKM में शामिल किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि किसान पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर फरवरी से जमा हैं। यहां से 6 दिसंबर को किसान दिल्ली के लिए बढ़ेंगे। इसी दिन तमाम प्रदेशों में भी किसान विधानसभा तक कूच करेंगे।