किसान आंदोलन के बीच कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से हटाई गई स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला जरूर लिया है, लेकिन उनके द्वारा तैयार रिपोर्ट कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं दिख रही है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राष्ट्रीय किसान आयोग (NFC) के अध्यक्ष के रूप में स्वामीनाथन ने जो कृषि और किसान कल्याण नामक रिपोर्ट लिखी थी, अब वह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर नहीं है। इससे पहले मंत्रालय की वेबसाइट पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सभी खंड मौजूद थे।
क्यों चर्चा में आई स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट?
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में न्यूनतम समर्थम मूल्य (MSP) समेत किसानों के हितों पर जोर दिया गया है और किसान इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने 2020-21 में भी आंदोलन करके केंद्र सरकार से 3 कृषि कानूनों को खत्म करने और आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए कहा था, जिसे आश्वासन के बाद भी लागू नहीं किया गया। अब किसान एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं, जिससे यह रिपोर्ट चर्चा में आई है।
क्या था इस रिपोर्ट में?
स्वामीनाथन की अध्यक्षता में NFC ने 2006 में अपनी 5 रिपोर्ट केंद्र को सौंपी थीं, जिसमें कई सिफारिशें थीं। इसमें MSP औसत लागत से 50 प्रतिशत ज्यादा रखने की सिफारिश प्रमुख थी, ताकि छोटे किसानों को फसल की उचित कीमत मिले। आयोग ने कहा था कि MSP कुछ ही फसलों तक सीमित न रहे और उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले बीज कम दामों पर मिलें। इसके अलावा आयोग ने गांवों में किसान ग्रामीण ज्ञान केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की थी।