दिल्ली की हवा जहरीली होने से लागू हुई GRAP-4 की पाबंदियां, किन चीजों पर लगा प्रतिबंध?
दिल्ली में वायु प्रदूषण अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसके बाद दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में सोमवार (18 नवंबर) से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बाद यह फैसला लिया है। बता दें कि आज शाम 7 बजे औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 457 दर्ज किया गया, जो 'बेहद गंभीर' श्रेणी में आता है।
किन-किन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध?
GRAP-4 की पाबंदियों में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर BS-III वाले पेट्रोल वाहनों और BS-IV के डीजल वाहनों के दिल्ली और NCR में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इनमें बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहन भी शामिल हैं। इसी तरह हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रूप से रोक रहेगी। इसके अलावा, दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों के भी प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा और GRAP-3 की पाबंदियां जारी रहेंगी।
ऑनलाइन होगी कक्षा 6 से 9 तक की पढ़ाई
CAQM ने GRAP-4 के तहत दिल्ली और NCR में कक्षा 6 से 9 तक की पढ़ाई ऑनलाइन कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने इन कक्षाओं को ऑनलाइन मोड पर चलाने के आदेश जारी कर दिए। हालांकि, कक्षा 10 और 12 की कक्षाएं ऑफलाइन ही जारी रहेंगी। इसी बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय सोमवार दोपहर 1 बजे दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर GRAP-4 से जुड़ी पाबंदियों की विस्तार से जानकारी देंगे।
CAQM ने की कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ करने की सिफारिश
CAQM ने अभी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश नहीं दिया है, लेकिन उसने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया है कि वह सरकारी, नगर निगम और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति दे। इसी तरह केंद्र से भी उसके कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने को कहा है। इसके अलावा, वाहनों के संचालन में ऑड-ईवन नियम लागू करने का भी सुझाव दिया है।
दिल्ली में प्रदूषण की क्या है वजह?
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली के वायु प्रदूषण में स्थानीय स्रोतों का योगदान लगभग 30 प्रतिशत है। इनमें सड़क की धूल, निर्माण गतिविधियों से प्रदूषण या दिवाली उत्सव के दौरान जलाए गए पटाखों की तुलना में वाहन से निकलने वाले उत्सर्जन की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों में फैलने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी लगभग 35 प्रतिशत है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना प्रदूषण में 8.19 प्रतिशत का योगदान देता है।