महिला ने सब्जी खरीदने के लिए मांगे 30 रुपये तो पति ने दिया तीन तलाक
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम महिला को उसके पति ने इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसने सब्जी खरीदने के लिए 30 रुपये मांगे थे।
पुलिस ने महिला को पति पर तीन तलाक देने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
महिला ने बताया कि उसने सब्जी खरीदने के लिए अपने पति से 30 रुपये मांगे थे। इस बात से उसका पति गुस्सा हो गया और उसे तलाक दे दिया।
आइये, जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
शिकायत
पति और ससुरालजनों पर मारपीट का आरोप
यह मामला 29 जून का है। शिकायतकर्ता महिला 30 वर्षीय जैनब दादरी में अपने पति साबिर के साथ रहती हैं।
पुलिस को दी शिकायत में जैनब ने अपने पति और ससुरालजनों पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसे मारा और बिजली के झटके दिए।
अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि उनके पति ने उन्हें तलाक देकर घर से निकाल दिया।
मामला
गिरफ्तारी से अगले दिन मिली साबिर का जमानत
जैनब के भाई राशिद ने कहा कि जैनब ने मदद के लिए अपने परिवार वालों को बुलाया।
राशिद ने कहा कि जब परिवारवाले पहुंचे तो देखा कि जैनब के साथ उनके ससुरालजनों ने मारपीट की है। वो उसे स्थानीय अस्पताल लेकर गए और उसके बाद पुलिस में शिकायत दी।
दादरी पुलिस थाने के SHO ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद साबिर को गिरफ्तार किया गया, जिसे अगले दिन जमानत मिल गई। मामले की जांच जारी है।
जानकारी
मामले के बाकी आरोपी फरार
पुलिस ने बताया कि साबिर और उसके चार रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बाकी आरोपी अभी फरार है। पुलिस ने बताया कि जैनब की मेडिकल रिपोर्ट में बिजली के झटके देने की बात साबित नहीं हुई है।
तीन तलाक बिल
21 जून को लोकसभा में पेश हुआ था तीन तलाक बिल
मोदी सरकार ने 21 जून को लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 लोकसभा में पेश करते हुए इसे नारी गरिमा का विषय बताया।
वहीं, कांग्रेस ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि ये मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करता।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को संविधान के खिलाफ बताया।
बिल को पेश किए जाने के लिए पर्चियों के जरिए वोटिंग हुई थी।
बयान
रविशंकर प्रसाद ने कहा, धर्म और सियासत का विषय नहीं
तीन तलाक बिल पेश करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, "ये सवाल न सियासत का है, न इबादत का है, न पूजा का है, न धर्म का है, न प्रार्थना का है, ये सवाल है नारी न्याय, नारी गरिमा, नारी इंसाफ का।"
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कहा गया है कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, इसलिए यह संविधान के खिलाफ कतई नहीं है बल्कि उनके अधिकारों से जुड़ा है।