Page Loader
ED ने जब्त किए गए फार्महाउस को बना लिया अपना दफ्तर, कोर्ट पहुंचा मामला
ED ने खुद के द्वारा जब्त किए गए एक फार्महाउस को कार्यालय बना लिया है

ED ने जब्त किए गए फार्महाउस को बना लिया अपना दफ्तर, कोर्ट पहुंचा मामला

लेखन आबिद खान
Oct 04, 2024
05:43 pm

क्या है खबर?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली के राजोकरी स्थित एक फॉर्म हाउस को जब्त किया था। ED अब यहां से गुरुग्राम के क्षेत्रीय कार्यालय का संचालन कर रही है। हालांकि, अब ये मामला कोर्ट पहुंच गया है, क्योंकि इस फार्महाउस को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास लोन के लिए बंधक रखा गया था।

मामला

क्या है मामला? 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस फार्महाउस को अतुल बंसल नाम के एक रियल एस्टेट कारोबारी ने 2004 में खरीदा था। 2012 में अतुल ने कई संपत्तियों को बैंकों के एक समूह के पास 111 करोड़ रुपये के लोन के बदले गिरवी रखा था। फार्महाउस को अतुल की कंपनी विजडम रियलटर्स ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास गिरवी रखा था। भुगतान न करने पर बैंक ने 2017 में संपत्ति पर कब्जा कर लिया था।

ED

ED के पास कैसे पहुंची संपत्ति?

विजडम रियलटर्स ने फॉर्म हाउस पर बैंक के कब्जे को ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) में चुनौती दी और स्थगन आदेश ले आया। इसके बाद बैंक ने फिर से ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण (DRAT) में अपील की। इस बीच अतुल मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ED द्वारा मुख्य आरोपी बनाया गया। ED ने 2019 में इस फॉर्म हाउस को कुर्क करते हुए इस पर कब्जा कर लिया। अब ED यहां अपना कार्यालय चला रहा है।

बैंक

बैंक का क्या कहना है?

ED के कब्जे का मामला पंचकूला के PMLA कोर्ट में चल रहा है। यूनियन बैंक के वकील आलोक कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "कुर्की या जब्ती का उद्देश्य सरकारी खजाने के लिए बकाया राशि वसूलना है। जब्ती के बावजूद ED ने ना तो इसे बैंक को सौंपा और ना ही सार्वजनिक धन वसूलने के लिए इसकी नीलामी की। ऐसा करने से जब्ती का उद्देश्य विफल हो जाता है। इस तरह ये प्रॉपर्टी नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) बन गई है।"

नियम

क्या जब्त की गई संपत्ति का इस्तेमाल कर सकती है ED?

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अधिकारियों ने कहा, "PMLA की धारा 9 के प्रावधानों के तहत ऐसी जब्त की संपत्तियां केंद्र सरकार के पास रहती हैं। 12 सितंबर, 2023 को वित्त मंत्रालय की एक राजपत्र अधिसूचना आई थी। इसने ED के विशेष निदेशकों को इन संपत्तियों के मामले में प्रशासक की शक्तियां दीं। उनको ऐसी संपत्तियों को प्राप्त करने, प्रबंध करने और निपटारा करने की शक्ति दी गई थी।"