NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / #NewsBytesExplainer: शराबबंदी वाले गुजरात की GIFT सिटी में क्यों मिली अनुमति?
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: शराबबंदी वाले गुजरात की GIFT सिटी में क्यों मिली अनुमति?
    गुजरात के इस शहर में शराब को मंजूरी

    #NewsBytesExplainer: शराबबंदी वाले गुजरात की GIFT सिटी में क्यों मिली अनुमति?

    लेखन महिमा
    Dec 23, 2023
    07:50 pm

    क्या है खबर?

    गुजरात देश का एक ऐसा राज्य है, जहां सबसे पुरानी शराबबंदी है, लेकिन अब राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कुछ शर्तों के साथ गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT) में शराब की मंजूरी दी है। ये मंजूरी पूरे राज्य के लिए नहीं है।

    इसके लिए नारकोटिक्स और उत्पाद शुल्क विभाग से परमिट लेना जरूरी होगा।

    आइए जानते हैं कि गुजरात सरकार ने यह फैसला क्यों लिया और 1960 से इस राज्य में शराबबंदी क्यों है।

    फैसला

    सबसे पहले जानते हैं सरकार ने क्या फैसला लिया

    राज्य सरकार ने GIFT सिटी में 'वाइन एंड डाइन' की पेशकश करने वाले होटलों, रेस्टोरेंट और क्लबों में शराब पीने की अनुमति दी है।

    इसके लिए GIFT सिटी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और मालिकों को शराब खरीदने या बेचने के लिए परमिट दिया जाएगा। FL3 लाइसेंस के तहत ही यह अनुमति मिलेगी।

    राज्य में शराब पर लगे प्रतिबंधों को GIFT सिटी में 'वाइन एंड डाइन' में बदल दिया गया है।

    जानकारी

    क्या है GIFT सिटी?

    GIFT सिटी गुजरात के गांधीनगर में स्थित एक 'स्मार्ट सिटी' है। यह 15.5 किलोमीटर के दायरे में फैली है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। इसे वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के इरादे से डिजाइन किया गया है।

    कारण

    सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?

    नारकोटिक्स और उत्पाद शुल्क विभाग के अनुसार, वैश्विक निवेशकों, तकनीकी विशेषज्ञों और यहां स्थापित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को वैश्विक व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए नियमों को बदलने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

    यहां दुनियाभर की बड़ी कंपनियों के ऑफिस हैं जहां विदेशों से भी सैंकड़ों लोग आते हैं।

    सरकार ने यह फैसला GIFT सिटी में वैश्विक कारोबार माहौल उपलब्ध कराने के लिए लिया है, जिसके लिए इस सिटी की नींव रखी गई थी।

    प्रतिबंध

    गुजरात में कब से प्रतिबंधित है शराब?

    1960 में जब महाराष्ट्र से अलग होकर गुजरात की स्थापना हुई थी, तभी से यहां शराबबंदी लागू है।

    गुजरात निषेध अधिनियम, 1949 के तहत शराब खरीदने, बेचने, पीने, रखने, निर्यात करने और लाने-ले जाने पर प्रतिबंध है।

    राज्य में कांग्रेस और भाजपा समेत कई दलों की सरकारें बनीं, लेकिन किसी ने भी इस नीति को बदलने के प्रयास नहीं किए। अब पहली बार इस नीति में आंशिक छूट दी गई है।

    कारण

    राज्य में क्यों की गई थी शराबबंदी?

    गुजरात में ही महात्मा गांधी का जन्म हुआ था और शराब पर उनके विचारों के सम्मान में इसके गठन के बाद 1960 में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

    हालांकि, समय के साथ विदेशी पर्यटकों और आगंतुकों के लिये शराब परमिट की प्रक्रिया को आसान बनाया गया।

    वर्ष 2017 में गुजरात निषेध (संशोधन) अधिनियम को पारित किया, जिसमें राज्य में शराब के निर्माण, खरीद, बिक्री करने और इसके परिवहन पर 10 साल तक की जेल का प्रावधान है।

    कोर्ट 

    प्रतिबंध को कई बार कोर्ट में मिली चुनौती 

    राज्य में शराब प्रतिबंध को कई बार कोर्ट में चुनौती भी दी गई है।

    इस संबंध में पहली याचिका 2018 में वडोदरा निवासी राजीव पीयूष पटेल और डॉक्टर मिलिंद दामोदर नेने और अहमदाबाद निवासी निहारिका अभय जोशी द्वारा दायर की गई थी। इसमें गुजरात निषेध अधिनियम, 1949 की कई धाराओं और बॉम्बे विदेशी शराब नियम, 1953 के कई नियमों को चुनौती दी गई थी।

    2019 में कानून को चुनौती देने वाली 5 और याचिकाएं दायर की गई थीं।

    तर्क 

    शराबबंदी कानून को चुनौती का आधार क्या था? 

    याचिकाकर्ताओं द्वारा गुजरात हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में 2 प्रमुख आधार उठाए गए थे।

    पहला- निजता का अधिकार, जिसे 2017 के बाद से कई फैसलों में सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकार के रूप में माना है।

    दूसरा- मनमानी अथवा निरंकुशता। इस आधार में याचिककर्ता ने राज्य के बाहर के पर्यटकों को स्वास्थ्य परमिट और अस्थायी परमिट संबंधित खंडों को चुनौती देते हुए इस अधिनियम की मनमानी प्रकृति को रेखांकित किया था।

    तर्क 

    प्रतिबंध के खिलाफ और क्या तर्क दिए गए?

    दूसरे आधार में यह भी तर्क दिया गया कि राज्य द्वारा बनाए गए वर्गों में इस बात पर कोई स्पष्ट अंतर नहीं है कि कौन शराब पीता है और कौन नहीं। यह संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

    इसके अलावा यह भी तर्क दिया गया कि इस प्रतिबंध से शराब से होने वाले राजस्व को नुकसान हो रहा है क्योंकि यह किसी भी सरकार के राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

    जानकारी

    किन-किन राज्यों में शराब पर है पाबंदी?

    गुजरात के अलावा बिहार, नागालैंड, और मिजोरम राज्यों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में शराब पीने ओर बेचने दोनों पर पाबंदी है। आंध्र प्रदेश ने भी 1955 में शराबबंदी लागू किया था, लेकिन 1997 में इसे हटा दिया गया।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    गुजरात
    शराबबंदी
    #NewsBytesExplainer

    ताज़ा खबरें

    इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को दूसरे वनडे में हराया, सीरीज में हासिल की अजेय बढ़त  इंग्लैंड क्रिकेट टीम
    IPL 2025: सूर्यकुमार यादव ने बनाया बड़ा रिकॉर्ड, एबी डिविलियर्स को पछाड़ा इंडियन प्रीमियर लीग
    इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज: जो रूट ने जड़ा 18वां वनडे शतक, बने सर्वाधिक रन वाले इंग्लिश बल्लेबाज इंग्लैंड क्रिकेट टीम
    JSW MG को बिक्री में मिली 40 फीसदी की बढ़त, अब तक की सर्वाधिक  MG मोटर्स

    गुजरात

    गांधी जयंती: जानिए इस दिन को मनाने का कारण, महत्व और अन्य जरूरी बातें महात्मा गांधी
    गुजरात: अस्पताल का वार्ड बना कुश्ती का अखाड़ा, 2 गुटों के बीच चले लात-घूंसे; मरीज भागे वडोदरा
    गुजरात: सड़क न होने के कारण नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, आदिवासी युवक की मौत स्वास्थ्य
    अब आई 'चिप्स और कुरकुरे की तवा आइसक्रीम', देखिए अनोखे फूड कॉम्बिनेशन का वायरल वीडियो खान-पान

    शराबबंदी

    बिहार विधानसभा परिसर में मिलीं शराब की खाली बोतलें, तेजस्वी ने मांगा मुख्यमंत्री का इस्तीफा बिहार
    शराब पीने वाले हिंदुस्तानी नहीं, महापापी हैं- नीतीश कुमार नीतीश कुमार
    बिहार: शराब के लिए ट्रेन को स्टेशन पर छोड़ गया सहायक लोको पायलट, GRP ने दबोचा बिहार
    बिहार: आरोपियों ने आबकारी थाने में की शराब पार्टी, 2 पुलिसकर्मी सहित 7 गिरफ्तार नीतीश कुमार

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: महुआ मोइत्रा को लोकसभा से क्यों निष्कासित किया गया और मामले में कब क्या हुआ? महुआ मोइत्रा
    #NewsBytesExplainer: किसी सांसद की संसद सदस्यता किन-किन कारणों से छिन सकती है?  संसद
    #NewsBytesExplainer: जानिए कैसे चुना जाता है 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर', कौन लेता है फैसला? टेलर स्विफ्ट
    #NewsBytesExplainer: गाड़ियों का एग्जॉस्ट सिस्टम क्या है और यह काम कैसे करता है?  कार गाइड
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025