गांधी जयंती: जानिए इस दिन को मनाने का कारण, महत्व और अन्य जरूरी बातें
क्या है खबर?
देश में हर साल 2 अक्टूबर को मोहनदास करमचंद गांधी के जन्मदिन के अवसर पर गांधी जयंती मनाई जाती है।
भारत की आजादी में गांधी जी के अतुल्य योगदान पर हर भारतीय को गर्व है।
गांधी जी को पूरे विश्व में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है। इस कारण विश्व स्तर पर इस दिन को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।
आइये आज गांधी जी और इस दिन से जुड़ी अहम बातें जानते हैं।
इतिहास
इस साल है गांधी जी की 154वीं जयंती
महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' और 'बापू' के नाम से भी जाना जाता है। आज उनकी 154वीं जयंती है।
उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वह एक राजनेता, सामाजिक कार्यकार्ता और वकील थे।
उन्होंने अपना जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित कर दिया था। उनके संघर्षों के कारण ही देश को साल 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिली थी।
उनके सत्य और अहिंसा के विचार आज भी पूरी दुनिया को प्रभावित करते हैं।
महत्व
गांधी जयंती का महत्व
महात्मा गांधी के सम्मान और स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून, 2007 को गांधी जी के सिद्धांतों का सम्मान करने के लिए 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
यह दिन अहिंसा के महत्व और दुनियाभर में शांति, सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने का अवसर है।
उपाधि
गांधी जी को कैसे मिली महात्मा और राष्ट्रपिता की उपाधि?
देशभर में गांधी जी को महात्मा और राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया जाता है।
दरअसल, नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने गांधी जी को महात्मा की उपाधि दी थी, जिसके बाद उन्हें महात्मा के नाम से जाना जाने लगा।
इसके बाद 4 जून, 1944 को सिंगापुर रेडियो से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने एक संदेश दिया था।
इसमें उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद से उन्हें इस नाम से संबोधित किया जाने लगा।
समारोह
कैसे मनाया जाता है यह दिन?
गांधी जयंती पूरे देश में स्कूल-कॉलेजों से लेकर सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों में मनाई जाती है।
इस दिन लोग गांधी जी के शांति और अहिंसा के संदेश को फैलाने के लिए उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाते हुए नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
इसके अलावा गांधीवादी मूल्य जैसे स्वच्छता और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता अभियान और सामुदायिक सेवा गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं।