ISKCON ने कहा- भगवान जगन्नाथ ने डोनाल्ड ट्रंप को बचाया; क्या है कहानी?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर रविवार को पेंसिल्वेनिया में चली गोली में उनके बाल-बाल बचने पर अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (ISKCON) ने अनोखा दावा किया है। ISKCON प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर लिखा कि निश्चित रूप से यह एक दैवीय हस्तक्षेप है। ठीक 48 साल पहले ट्रंप ने जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को बचाया था। आज जब दुनिया फिर से जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ट्रंप पर हमला हुआ और जगन्नाथ ने उन्हें बचाकर एहसान चुकाया।
क्या है 48 साल पहले की कहानी?
दास ने एक्स पर दावा कर लिखा कि न्यूयॉर्क की सड़कों पर भगवान जगन्नाथ की पहली रथ यात्रा 1976 में शुरू हुई थी, जिसमें ट्रंप ने सहायता की थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान काफी चुनौतियां थीं। जुलाई, 1976 में रथ निर्माण के लिए बड़ी जगह ढूंढना आसान नहीं था, तब ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में अपना ट्रेन यार्ड मुफ्त में देकर ISKCON भक्तों को रथयात्रा आयोजित करने में मदद की थी।
पेंसिलवेनिया रेल यार्ड देने को अचानक मान गए ट्रंप
दास ने बताया, 'पेंसिल्वेनिया रेल यार्ड को उस समय ट्रंप ने खरीद लिया था। तब हम लोग महाप्रसादम और प्रेजेंटेशन पैकेज लेकर ट्रंप के पास गए। उनके सचिव ने वह ले लिया, लेकिन चेतावनी दी कि ऐसी चीजों के लिए ट्रंप कभी तैयार नहीं होते। बाद में 2 दिन बाद उनकी ओर से रेल यार्ड उपयोग करने की अनुमति दे दी गई।' दास ने बताया, 'इसी तरह फिफ्थ एवेन्यू पर परेड की अनुमति मिलना भी चमत्कार से कम नहीं था।'
कैसे मिली फिफ्थ एवेन्यू पर परेड की अनुमति?
दास ने बताया, 'परेड के लिए भी पुलिस से अनुमति मांगी गई, लेकिन उसे भी 1962 से मेयर के आदेश के चलते मना कर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि फिफ्थ एवेन्यू में नए परेड की अनुमति न दी जाए। हालांकि, बाद में मैनहट्टन पुलिस प्रमुख से संपर्क करने पर अनुमति मिल गई।' दास ने कहा कि ट्रंप और पुलिस प्रमुख भी अन्य उद्योगपतियों और पुलिस अधिकारियों की तरह मना कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
पेंसिलवेनिया में चली थी ट्रंप पर गोली
रविवार को पेंसिल्वेनिया में चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर गोलियां चलाई गईं, जिसमें से एक उनके कान को छूकर निकल गई। हमले में ट्रंप को गंभीर चोट नहीं आई है। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियों के स्नाइपर ने 20 वर्षीय हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रुक्स को ढेर कर दिया। हमले के बाद सीक्रेट सर्विस की आलोचना हो रही है और प्रमुख किम्बर्ली ए चीटल से इस्तीफा मांग रहे हैं। बता दें, इस जगन्नाथ यात्रा भी 7 जुलाई से शुरू हुई है।