मणिपुर हिंसा: आदिवासी समूह की केंद्र से कुकी बहुल क्षेत्र को अपने अधीन लेने की मांग
मणिपुर में एक आदिवासी मंच ने केंद्र सरकार से कुकी-जो समुदाय के लोगों को अपने नियंत्रण में लेने की मांग की है। यह मांग तब सामने आई है, जब शनिवार को कांगपोककी जिले के सतांग गांव (कुकी बहुल) में 2 अज्ञात समूहों के बीच भीषण गोलीबारी हुई थी। इस गोलीबारी में एक कुकी उग्रवादी की मौत हो गई थी, जबकि 2 मैतेई और एक कुकी गोली लगने से घायल हो गए थे।
केंद्र दिल्ली से सीधे करे प्रशासित- ITLF
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने एक सार्वजनिक परामर्श के बाद कहा कि उसने 'कुकी-जो समुदाय के लोगों के राजनीतिक भविष्य' के लिए मिजोरम की सरकार से मुलाकात करने का फैसला किया है। ITLF ने कहा, "हम उस सरकार के अधीन नहीं रह सकते, जिसने हमारे चर्चों और संपत्तियों को तहस-नहस किया, जिसने हमें भौतिकीय और जनसांख्यिकीय रूप से अलग किया, जिसने आतंकवादी समूह अरामबाई तेंगगोल के तहत शपथ ली। केंद्र को हमें सीधे दिल्ली से प्रशासित करना चाहिए।"
केंद्र के मुक्त सीमा व्यवस्था को खत्म करने फैसले का किया विरोध
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, ITLF ने मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR) समझौते को रद्द करने और भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के केंद्र के कदम का विरोध करने का संकल्प लिया। यह समझौता सीमावर्ती निवासियों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी तक यात्रा करने की अनुमति देता है। बता दें कि मणिपुर सरकार FMR को रद्द करना चाहती है, जबकि मिजोरम और नागालैंड की सरकार इसके खिलाफ है।
ITLF ने कुकी समुदाय से की खास अपील
ITLF ने कहा कि वह आवश्यकता पड़ने पर किसी भी प्रकार के आंदोलन और कार्रवाई को जारी रखेगा। ITLF ने कहा, "आंदोलन को मजबूत करने के लिए हमारे द्वारा बनाई गई योजना, परियोजना और नीतियों का समर्थन और सहयोग करें। हमें सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) पर मणिपुर की अखंडता के लिए हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए।" केंद्र ने कुकी समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ने का दावा करने वाले करीब 25 सशस्त्र समूहों के साथ SoO समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे।।
कुकी समुदाय के विधायक नहीं हो सकते मैतेई सरकार का हिस्सा-ITLF
ITLF ने कहा, "हमारे भविष्य के राजनीतिक आंदोलन के लिए, SoO समूहों और हमारे विधायकों के साथ बैठक की जानी चाहिए, जिससे जितनी जल्दी हो सके कुकी समुदाय एकजुट हो।" इस संगठन ने आगे कहा, "कुकी समुदाय के विधायक मैतेई सरकार का हिस्सा नहीं हो सकते। उन्हें समुदाय की खातिर एन बीरेन सिंह की सरकार का विरोध करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इस्तीफा देना चाहिए। फिलहाल मणिपुर में कुकी-ज़ो के 10 विधायक हैं, जिनमें से 7 भाजपा के हैं।
मणिपुर में पिछले साल से जारी है हिंसा
मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदायों में जातीय हिंसा जारी है। हिंसा में अब तक 200 लोग मारे गए हैं। मणिपुर में 53 प्रतिशत मैतेई आबादी इंफाल घाटी में, जबकि नागा और कुकी सहित 40 प्रतिशत आदिवासी पहाड़ी जिलों में हैं।