मणिपुर सरकार ने पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया
मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया। यहां 2 छात्रों की हत्या का मामला सामने आने के बाद से तनाव बना हुआ है। मणिपुर में 19 विशिष्ट पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि हिंसक गतिविधियों के कारण पूरे राज्य में सशस्त्र बलों की तैनाती की आवश्यकता है।
क्या है छात्रों की हत्या का मामला?
मणिपुर हिंसा के दौरान 6 जुलाई को मैतई समुदाय के 2 छात्र, हिजाम लिनथोइंगंबी (17 वर्षीय) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय) लापता हो गए थे। इनका अपहरण हुआ था, जिसके बाद दोनों की हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को इनकी हत्या से जुड़ी कुछ वीभत्स तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद राज्य में हालात एक बार फिर से बेकाबू हो गए हैं। इसके चलते सरकार को ये कदम उठाना पड़ा है।
अशांत क्षेत्रों में 6 महीने तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
मणिपुर सरकार ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि राज्य में समग्र कानून व्यवस्था की स्थिति और राज्य मशीनरी की क्षमता को देखते हुए सरकार ने वर्तमान अशांत क्षेत्र की स्थिति पर 6 महीने की अवधि के लिए यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा घोषित अशांत क्षेत्रों में राजधानी इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लामासांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल हैं।
इम्फाल में दूसरे दिन भी हत्या के विरोध में प्रदर्शन जारी
इम्फाल में छात्रों के अपहरण और हत्या के खिलाफ लगातार दूसरे दिन भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान राज्य पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) सहित सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया। बुधवार को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) की महिला शाखा ने भी 5 महीने के दौरान आदिवासी महिलाओं की हत्या और बलात्कार की CBI जांच के आदेश में देरी के खिलाफ चुराचांदपुर में प्रदर्शन किया।
इम्फाल घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात
राज्य सरकार के आदेश के बाद संभावित विरोध प्रदर्शन और हिंसा की आशंका के चलते मणिपुर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और RAF के जवानों को इम्फाल घाटी में बड़ी संख्या में तैनात किया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ''किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इम्फाल में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। शहर में व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले हैं और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही जारी है।"
राज्य में इंटरनेट सेवा पर 5 दिन के लिए अस्थायी प्रतिबंध
मणिपुर सरकार ने अफवाहों को रोकने के लिए एक बार फिर 5 दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। हाल में 23 सितंबर को राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल हुई थी। सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि मोबाइल इंटरनेट सेवा पर 1 अक्टूबर शाम 7:45 बजे प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा सरकार ने हिंसा को मद्देनजर सभी सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों को 29 सिंतबर तक बंद रखने के आदेश दिए हैं।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा के अयोग्य मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर के हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की अपील की है। उन्होंने लिखा, '147 दिनों से मणिपुर के लोग पीड़ित हैं...अब यह स्पष्ट है कि हिंसा के खिलाफ इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों को हथियार बनाया गया। खूबसूरत राज्य मणिपुर को युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है.. प्रधानमंत्री भाजपा के अयोग्य मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें।'
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में अब तक करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं। 26 सितंबर को छात्रों की हत्या का मामला सामने आने के बाद मणिपुर फिर से सुलग उठा है। राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।