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हिमाचल में आफत का मानसून; अब तक 92 लोगों की मौत, 752 करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में बारिश जनित हादसों में अब तक हुई 92 लोगों की मौत

हिमाचल में आफत का मानसून; अब तक 92 लोगों की मौत, 752 करोड़ रुपये का नुकसान

Jul 12, 2025
05:14 pm

क्या है खबर?

हिमाचल प्रदेश में इस साल आया मानसून भारी तबाही लेकर आया है। राज्य में अब तक मानसून के दौरान हुई भारी बारिश, भूस्खलन और अन्य वर्षा जनित हादसों में 92 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गए। इसके साथ ही 751.78 करोड़ रुपये का नुकसान भी हो चुका है। राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अंतर्गत राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

आंकड़े

क्या कहते हैं SEOC के आंकड़े?

SEOC के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 20 जून से 11 जुलाई के बीच भारी बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के कारण 92 लोगों की मौत हो गई और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। कुल मौतों में से 56 मौतें बारिश जनित हादसों में हुई। इसके अलावा, चालू मानसून के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई है। कुल्लू, चंबा और सोलन जिलों में यातायात संबंधी दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें हुई हैं।

असर

सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ मंडी जिला

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की रिपोर्ट के अनुसार, मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा है, जहां 11 दिनों में 15 मौतें हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं। इसी तरह 27 लोग अभी भी लापता हैं। मंडी स्थित 16 मेगावाट की पटीकरी जलविद्युत परियोजना को भी बारिश से गंभीर नुकसान हुआ है। जिले में 844 घर और 631 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं, जबकि 164 दुकानें, 31 वाहन और 14 पुल या तो नष्ट हो गए या अनुपयोगी हो गए।

सड़कें

बारिश से बेहाल हुई सड़कें

रिपोर्ट के अनुसार, 12 जुलाई तक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग NH-003 (मंडी-धरमपुर वाया कोटली) और NH-21 (मंडी-कुल्लू) सहित कुल 247 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अलावा, 463 बिजली ट्रांसफार्मर और 781 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। मंडी जिले में 534 व्यक्ति 16 राहत शिविरों में रह रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को 5,228 तिरपाल और 3,093 राशन किट वितरित किए हैं। बचाव प्रयासों से 290 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।

नुकसान

राज्य भर में हुआ 752 करोड़ रुपये का नुकसान

भारतीय सेना, होमगार्ड, NDRF और SDRF सहित कई बचाव और राहत दल थुनाग, गोहर और करसोग जैसे गंभीर रूप से प्रभावित उपखंडों में सक्रिय रूप से अभियान में लगे हुए हैं। मानसून संबंधी आपदाओं के कारण हिमाचल प्रदेश में अब तक 751.78 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें 368 घर, 295 दुकानें और 85 झोपड़ियां/मजदूर शेड पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और हजारों हेक्टेयर कृषि और बागवानी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।