
दिल्ली दंगों को हुआ एक साल, 755 मामलों में से 407 की जांच अभी भी लंबित
क्या है खबर?
बीते साल दिल्ली में हुए दंगों को एक साल पूरा हो गया है। इन दंगों में जानमाल का काफी नुकसान हुआ था।
पुलिस ने दंगों के दौरान और उसके बाद 755 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 407 की जांच अभी भी जारी है। यानी दंगों के एक साल बाद भी पुलिस अभी तक आधे मामलों की भी जांच पूरी नहीं कर सकी है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पृष्ठभूमि
तीन दिनों तक दंगे की आग में जली थी दिल्ली
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में बीते साल फरवरी के बीच लगातार तीन दिन दंगे हुए थे।
उस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था।
दंगों में संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था। दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।
जांच
1,569 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर
द प्रिंट के अनुसार, पुलिस ने 348 मामलों में कथित तौर पर दंगों में शामिल 1,569 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में 802 हिंदुओं और 767 मुस्लिमों को आरोपी बनाया गया है।
एक साल पहले हुए इन दंगों में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, वेलकम, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकलपुरी, दयालपुर और न्यू उस्मानपुर आदि इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे। यहां पर कई दिनों तक तनाव बरकरार रहा था।
दिल्ली दंगे
1,800 से ज्यादा लोग हुए गिरफ्तार
इन मामलों में कुल 1,818 लोग गिरफ्तार हुए थे। इनमें से 956 मुस्लिम और 868 हिंदू थे। गिरफ्तार कुल लोगों में 1,165 अभी भी जेल में हैं।
पुलिस ने बताया कि जिन 407 मामलों की जांच जारी है, उनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनमें अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
755 मामलों में से 62 की जांच विशेष जांच टीम (SIT), एक की स्पेशल सेल और 692 मामलों की जांच उत्तर पूर्वी जिला पुलिस कर रही है।
दिल्ली दंगे
जांच में नहीं हुआ कोई भेदभाव- पुलिस
इस बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामलों की संवेदनशीलता और कोरोना महामारी को देखते हुए जांच बहुत तेजी से हुई है। 400 से अधिक मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और 348 मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है।
उन्होंने कहा, "हमने 120 मामलों में पूरक चार्जशीट दायर कर दी है और बाकी मामलों की जांच अभी चल रही है। जांच के दौरान कोई भेदभाव नहीं किया गया है।"
जांच
जांच में लिया गया टेक्नोलॉजी का सहारा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहचान और गिरफ्तारियों के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन्स और CCTV फुटेज के एनालिसिस के लिए वीडियो एनालिटिक्स और फेस रिकग्नेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। अलग-अलग जगहों से 945 CCTV और स्मार्टफोन की फुटेज इकट्ठा की गई।
उन्होंने बताया कि इस काम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की भी मदद ली गई है और ड्राइविंग लाइसेंस और ई-वाहन डाटाबेस से भी जांच के लिए आंकड़े जुटाए गए।