
फ्रांस के बाद अब कनाडा में चाकू से हमला; दो लोगों की हत्या, पांच घायल
क्या है खबर?
फ्रांस के नीस शहर के बाद अब कनाडा के क्यूबेक शहर में चाकूबाजी की घटना सामने आई है। यहां शनिवार रात को एक हमलवार ने चाकू से हमला कर कम से कम दो लोगों की जान ले ली और पांच लोगों को घायल कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, हमले के समय आरोपी ने खास तरह के "मध्यकालीन कपड़े" पहने हुए थे।
हमलावर को गिरफ्तार किया जा चुका है। हमले के कारणों के बारे में अभी पता नहीं चला है।
हमला
कनाडा की संसद के पास हुआ हमला
BBC के अनुसार, घटना शनिवार देर रात क्यूबेक में पार्लियामेंट हिल के पास हुई और हमले की पहली रिपोर्ट रात लगभग 11:30 बजे आई। हमले को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से भाग गया जिसके बाद पुलिस ने इलाके के लोगों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी।
रात करीब 1 बजे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और अभी वह अस्पताल में हैं।
बता दें कि पार्लियामेंट हिल इलाके में ही क्यूबेक की प्रांतीय संसद है।
जानकारी
हमले का मकसद साफ होने तक लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह
पुलिस ने आरोपी की उम्र 20-30 साल के बीच में बताई है और उससे पूछताछ की जा रही है। प्रशासन ने आरोपी से पूछताछ पूरी होने और हमले का मकसद साफ होने तक लोगों से घरों में भी रहने की अपील की है।
फ्रांस
फ्रांस में बीते एक महीने में चाकूबाजी की दो घटनाएं
कनाडा में ये घटना ऐसे समय पर हुई है जब फ्रांस चाकूबाजी की ऐसी ही दो घटनाओं के कारण वैश्विक सुर्खियों में बना हुआ है।
अक्टूबर की शुरूआत में हुई पहली घटना में एक 18 वर्षीय हमलावर ने कक्षा में पैंगबर मोहम्मद के विवादित कार्टून दिखाने के लिए एक शिक्षक का सरेआम सिर कलम कर दिया था।
वहीं 29 अक्टूबर को एक चाकूधारी हमलावर ने नीस शहर में चर्च पर हमला करते हुए तीन लोगों की जान ले ली थी।
विवादित बयान
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बयान ने बढ़ाया विवाद
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इन घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक को इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित बताया था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों पर पीछे न हटने की बात कही थी। उन्होंने ये भी कहा था कि इस्लाम पूरी दुनिया में संकट में है।
उनके इन बयानों पर मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई थी और तभी से फ्रांस और कुछ मुस्लिम देशों में विवाद बना हुआ है।
कनाडा का रुख
फ्रांस के साथ कनाडा के प्रधानमंत्री, लेकिन कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमाएं
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो पूरे मामले में फ्रांस का समर्थन कर चुके हैं, हालांकि अभिव्यक्ति की आजादी पर उनके विचार मैक्रों से अलग हैं।
शुक्रवार को रिपोर्टर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करेंगे। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बिना सीमाओं के नहीं है। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम दूसरों के प्रति सम्मान से पेश आएं और जिनके साथ हम समाज और गृह को साझा कर रहे हैं, उन्हें आहत न करें।"