दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस को राहत नहीं, आयकर विभाग की कार्रवाई के खिलाफ याचिका खारिज
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने आयकर विभाग की कार्रवाई के मामले में कांग्रेस को झटका दिया है। कोर्ट ने कांग्रेस की ओर से दायर आयकर कार्रवाई के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।
लॉ ट्रेंड के मुताबिक, न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा और पुरूषेन्द्र कुमार कौरव की पीठ ने कहा कि विभाग के पास कांग्रेस के पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू करने के पर्याप्त सबूत थे, जिनके आधार पर कार्रवाई शुरू हुई।
पीठ ने कहा कि पार्टी के वित्तीय रिकॉर्ड में बेहिसाब लेनदेन है।
सुनवाई
किस साल के पुनर्मूल्यांकन को दी गई चुनौती
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कांग्रेस ने वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 तक के आयकर विभाग की पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती दी थी।
इसमें आयकर विभाग की ओर से कहा गया है कि रिकॉर्ड में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि पार्टी के पास 520 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय बची हुई है।
इससे पहले भी हाई कोर्ट ने आयकर विभाग की पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका खारिज की थी।
बहस
कांग्रेस ने आयकर की कार्यवाही के खिलाफ क्या दिया था तर्क?
कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि कर पुनर्मूल्यांकन के लिए वैधानिक समयसीमा होती है।
उन्होंने बताया था कि आयकर 6 मूल्यांकन वर्षों तक ही इसे कर सकता है। उन्होंने पुनर्मूल्यांकन की कार्रवाई को आयकर अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ बताया था।
वहीं आयकर विभाग ने दावा किया था कि किसी वैधानिक प्रावधान का उल्लेख नहीं हुआ और छिपाई गई राशि 520 करोड़ रुपये से अधिक है।