दिल्ली दंगे: UAPA के तहत चलेगा उमर खालिद के खिलाफ मुकदमा, केजरीवाल सरकार ने दी मंजूरी
क्या है खबर?
दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय ने उमर खालिद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दे दी है।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद को फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने उन्हें 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
नियमानुसार किसी आरोपी पर UAPA के तहत मुकदमा चलाने से गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी पड़ती है।
बयान
15 दिन पहले मिली थी मंजूरी- अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमने दिल्ली दंगों के सिलसिले में पुलिस द्वारा दायर किए गए सभी मामलों में जरूरी मंजूरी दे दी है। अब यह अदालत पर है कि वो किसे आरोपी मानती है।"
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि खालिद के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी लगभग 15 दिन पहले मिल गई थी। अब पुलिस पूरक चार्जशीट में खालिद का नाम शामिल कर सकती है।
जानकारी
इन सेक्शनों के लिए जरूरी है मंजूरी
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि आरोपी के खिलाफ UAPA के सेक्शन 13 के तहत मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी और सेक्शन 16,17 और 18 के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है।
जानकारी
क्या है UAPA?
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम सबसे पहले 1967 में लाया गया था।
पिछले साल इसमें संशोधन कर इसे और कठोर बना दिया गया है।
इसके तहत अब सिर्फ संस्थाओं को ही नहीं बल्कि लोगों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है।
खास बात यह भी है कि इसके लिए उसका किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं है। इसके तहत व्यक्ति को 90 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता है।
गिरफ्तारी
तिहाड़ जेल में बंद हैं उमर खालिद
फिलहाल उमर खालिद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। पिछले महीने कड़कड़डूमा अदालत ने खालिद की न्यायिक हिरासत बढ़ाकर 20 नवंबर कर दी थी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत का विरोध किया था।
इसके बाद अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी थी। साथ ही अदालत ने जेल प्रशासन से उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने और खालिद को जेल अधिकारियों को सहयोग करने को कहा था।
दिल्ली दंगे
तीन दिन तक दंगों की आग में जली थी दिल्ली
उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में इस साल 24-26 फरवरी के बीच लगातार तीन दिन दंगे हुए थे।
उस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक हेड कांस्टेबल भी शामिल था।
इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी थी।