केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि दीवाली के बाद दिल्ली-NCR में स्मॉग नहीं हो- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण पर कदम उठाने के संबंध में दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई की। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण पर नाराजगी जताई और केंद्र सरकार को दिल्ली-NCR क्षेत्र से जल्द से जल्द स्मॉग हटाने के लिए कदम उठाने को कहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 16 नवंबर की तारीख निर्धारित कर दी। आइए जानें पूरी खबर।
स्मॉग खत्म करने के लिए कदम उठाए सरकार- सुप्रीम कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन ने कहा, "हम प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं पर दीवाली की छुटि्टयों के बाद फिर से सुनवाई करेंगे। ऐसे में केवल एकमात्र चीज यह है कि तब तक सरकार यह सुनिश्चित करें कि दिल्ली और NCR क्षेत्र में स्मॉग ना हो।" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खराब होता जा रहा है। ऐसे में सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी यह जानकारी
केंद्र सरकार की ओर से उपस्थित हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को दिल्ली और NCR क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए गठित आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता पर गठित आयोग ने शुक्रवार से कामकार शुरू कर दिया है और सरकार ने आयोग के सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी है।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दी स्वास्थ्य आपातकाल की दलील
सुनवाई के दौरान याचिकार्ताओं के वकील विकास ने कहा कि दिल्ली एक "सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" का सामना कर रही है और दीवाली की छुटि्टयों के दौरान स्थिति और खराब हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा गठित नए आयोग में स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रतिनिधित्व नहीं है, जो वायु प्रदूषण से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कोर्ट से मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की।
हम कानून की अदालत हैं- सुप्रीम कोर्ट
याचिकाकर्ताओं के वकील की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम कानून की अदालत हैं। हम अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं। यह कार्यपालिका द्वारा निपटाए जाने के लिए एक समस्या है और समस्या से निपटने के लिए उनके पास पैसा, शक्ति, विशेषज्ञता और संसाधन मौजदू हैं।" कोर्ट ने आगे कहा कि अदालतों की सीमाएं हैं, लेकिन यह मामला केंद्र की कार्रवाई करने के लिए है। इससे निपटने के लिए कई समितियां और आयोग काम कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निगरानी समिति का गठन करने के बाद सरकार ने गठित किया आयोग
प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन करने के बाद गत 26 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने कोर्ट को प्रदूषण के खिलाफ नया अध्यादेश लाने की जानकारी दी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने खुशी जाहिर की थी। 29 अक्टूबर को सरकार ने नया अध्यादेश लागू कर नया कमीशन बनाने की जानकारी दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने निगरानी समिति पर रोक लगा दी थी।
नए अध्यादेश में किया गया है एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान
नए आयोग द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने पर दोषियों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना, पांच साल की जेल या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। यह आयोग पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) की जगह लेगा।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता बहुत खराब
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 397 यानी 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा, जबकि सरकारी एजेंसियों ने कहा कि आगामी 24 घंटे में इसमें थोड़ा सुधार होने की संभावना है। पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और हवा की गति कम होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार सुबह AQI 450 दर्ज किया गया था। जो पिछले 15 सालों में सबसे अधिक रहा था। इसमें पराली जलाने की हिस्सेदारी 42 फीसदी थी।