कश्मीर में तैनात CRPF की बटालियन को मिला 1.5 करोड़ का बिजली का बिल, अधिकारी हैरान
क्या है खबर?
कश्मीर घाटी में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक बटालियन को 1.5 करोड़ रुपये का बिजली का बिल भेजा गया है। इसने अधिकारियों को हैरान कर दिया है।
दरअसल, चरारे-शरीफ में ठहरी CRPF की 181 बटालियन को जुलाई महीने का 1.5 करोड़ रुपये भेजा गया है।
यह बिल जम्मू-कश्मीर प्रशासन के पावर डेवलेपमेंट डिपार्टमेंट (PDD) की तरफ से जारी किया गया है। इस पर उपभोक्ता के नाम के तौर पर 181 बटालियन का नाम दर्ज है।
बिजली का बिल
जम्मू-कश्मीर पुलिस करती है बिल का भुगतान
हालांकि, इस बिल का भुगतान जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से किया जाना है, लेकिन CRPF के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
इंडिया टूडे के मुताबिक, बिल पर बडगाम जिले में तैनात 181 बटालियन के लिए 50 किलोवॉट के लोड की मंजूरी दिखाई गई है।
इसके लिए 1,500 रुपये का हर महीने का फिक्स चार्ज है। यह बिल 10 अगस्त को जारी किया गया था, जिसे 27 अगस्त तक भरना होगा।
बयान
गलती के कारण बिल में हुई गड़बड़ी- ADG
CRPF के ADG से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा है कि यह गलती से हो गया है। हमने पावर डिपार्टमेंट से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन अभी तक उनसे बात नहीं हो पाई है।"
उन्होंने उम्मीद जताई कि 27 अगस्त से पहले इस मामले को सुलझा लिया जाएगा।
यह कुल बिल एक करोड़ 51 लाख 59 हजार 897 रुपये का है।
दूसरा घटनाक्रम
कश्मीर से वापस बुलाए गए अर्धसैनिक बलों के 10,000 जवान
हाल ही में केंद्र सरकार ने अर्धसैनिकों बलों की 100 कंपनियों (10,000 जवान) को जम्मू-कश्मीर से तत्काल वापस बुलाने का आदेश जारी किया था। इन्हें बीते साल अनुच्छेद 370 पर ऐतिहासिक फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया था।
बुधवार शाम जारी आदेश के अनुसार, जम्मू-कश्मीर भेजे जाने से पहले ये जवान जहां तैनात थे, उन्हें वापस वहीं भेजा जा रहा है।
इससे पहले मई में भी केंद्र सरकार ने 1,000 अर्धसैनिक बलों को जम्मू-कश्मीर से वापस बुलाया था।
बलों की वापसी
वापस बुलाई गई कंपनियों में CRPF की सबसे ज्यादा
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, जिन 100 कंपनियों को वापसी का आदेश दिया गया है, उनमें CRPF की सबसे अधिक 40 कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 20-20 कंपनियों को वापस बुलाया गया है।
सभी कंपनियों को उसी जगह पर वापस जाने का आदेश दिया गया है, जहां वे अनुच्छेद 370 पर फैसले से पहले तैनात थीं।