
भारत के समर्थन में फ्रांस, मैक्रों बोले- वैक्सीन के कच्चे माल पर लगी रोक हटे
क्या है खबर?
भारत की मांग का समर्थन करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने G7 देशों से कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल के आयात पर लगी रोक हटाने की अपील की है।
गौरतलब है कि अमेरिका और कई देशों ने वैक्सीन के लिए जरूरी कच्चे माल का निर्यात रोका हुआ है, जिससे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
भारत लगातार अमेरिका से यह रोक हटाने की मांग कर रहा है।
बयान
निर्यात पर रोक से उत्पादन प्रभावित- मैक्रों
G7 देशों का शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जैसा हम जानते हैं कि G7 समूह के कई देशों ने निर्यात रोका हुआ है, जिससे दूसरे देशों मेंं उत्पादन रूक गया है और कई बार मध्यम आय वाले देशों में उत्पादन थमा भी है, जो गरीब देशों के लिए वैक्सीन आपूर्ति के लिए जरूरी है। मैं सिर्फ भारत का एक उदाहरण लेना चाहूंगा।"
कोरोना वैक्सीन
पाबंदियां हटाईं जाए ताकि भारत उत्पादन कर सके- मैक्रों
मैक्रों ने आगे कहा, "भारत और खासकर सीरम इंस्टीट्यूट में उत्पादन रोकना पड़ा क्योंकि कई G7 देशों ने वैक्सीन उत्पादन के लिए जरूरी सामग्री के निर्यात पर रोक लगा दी थी।"
निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि इन पाबंदियों को हटाया जाए ताकि भारत अपने लिए और उन अफ्रीकी देशों में जल्द आपूर्ति के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर सके, जो पूरी तरह से उस पर निर्भर हैं।
वैक्सीन वितरण
मैक्रों बोले- अभी के लिए खुराकों का दान प्राथमिकता
मैक्रों ने आगे कहा, "अभी के लिए मेरी प्राथमिकता है कि खुराकों का दान जारी रहना चाहिए। इस बारे में आने वाले दिनों में चर्चा होगी। यह मुझे बेहद प्रभावी और उचित लगता है। ऐसा करने और इसे मजबूती देने के लिए हमें निर्यात पर लगी रोक हटानी होगी।"
उन्होंने कहा कि फ्रांस अब तक कोवैक्स के जरिये आठ लाख खुराकें दान कर चुका है और 17 लाख खुराकें इस महीने के अंत तक 14 अफ्रीकी देशों में भेजी जाएगी।
सहयोग
100 करोड़ खुराकें दान कर सकते हैं G7 देश
शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे ब्रिटेन ने गुरुवार को उम्मीद जताई थी कि G7 समूह में शामिल देश दुनियाभर में वैक्सीन की 100 करोड़ खुराकें दान कर सकते हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि G7 शिखर सम्मेलन में मेरे साथी नेता भी खुराकें दान करने की शपथ लेंगे। साथ मिलकर हम अगले साल के अंत तक पूरी दुनिया को वैक्सीनेट कर कोरोना संकट से बाहर निकल सकते हैं।"
जानकारी
क्या है G7?
G7 समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था माने जाने वाले देशों का समूह है, जिसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी।
जानकारी
शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे मोदी
बोरिस जॉनसन ने ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण कोरिया के साथ-साथ भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को भी इस सम्मेलन के एक कार्यक्रम में भाग लेने के आमंत्रित किया है।
हालांकि, भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन नहीं जाएंगे, लेकिन वो 12-13 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
वो इस कार्यक्रम के बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर, बिल्डिंग बैक टूगैदर और बिल्डिंग बैक ग्रीनर नामक तीन सत्रों को संबोधित करेंगे।