आम आदमी के पास कब तक पहुंचेगी कोरोना वायरस वैक्सीन?
बीते साल चीन से शुरू हुई कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन ही एकमात्र उपाय नजर आ रहा है। अभी तक ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि यह खतरनाक वायरस अपने आप दुनिया से गायब हो जाएगा। इसलिए पूरी दुनिया की नजरें वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों पर टिकी हैं। इसके अलावा एक और सवाल लोगों के मन में बना हुआ है। यह सवाल है कि आम आदमी के पास वैक्सीन कब तक पहुंचेगी? आइये, इसका जवाब जानते हैं।
बनने से पहले ही वैक्सीन ऑर्डर कर चुके हैं कई देश
महामारी के प्रकोप और इसकी रोकथाम की जरूरत को देखते हुए कई देशों ने वैक्सीन बनने से पहले ही इसके खुराकों का ऑर्डर कर दिया है। इसमें अमेरिका, जापान, कनाडा और भारत जैसे देश शामिल हैं। वहीं चीन और रूस ने किसी निजी कंपनी से वैक्सीन ऑर्डर नहीं की है बल्कि वो अपनी सरकारी कंपनियों की वैक्सीन पर निर्भर हैं। ये दोनों देश पिछले कुछ महीनों से अपने नागरिकों को वैक्सीन की खुराक दे भी रहे हैं।
एस्ट्राजेनेका के पास आए सबसे ज्यादा ऑर्डर
निजी कंपनियों की बात करें तो अभी तक फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन बनाने की रेस में सबसे आगे हैं। इनमें से सबसे ज्यादा ऑर्डर एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के लिए आए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी को अभी तक 150 करोड़ खुराकों के ऑर्डर मिल चुके हैं। भारत में इस कंपनी को वैक्सीन को 'कोविशील्ड' के नाम से जाना जा रहा है। भारत में सबसे पहले यही वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है।
कंपनियों को मिल चुका 280 करोड़ खुराकों का ऑर्डर
ऐसा अनुमान है कि इन तीनों कंपनियों के पास अभी तक 280 करोड़ खुराकों का ऑर्डर पहुंच चुका है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सर्वाधिक 70-70 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है। इसके बाद 50 करोड़ के साथ भारत तीसरे और 29 करोड़ खुराकों के साथ जापान चौथे नंबर पर मौजूद है। हालांकि, खुराकों की बड़ी संख्या पूरी आबादी को महामारी से सुरक्षा नहीं दे सकती। इस संख्या को देशों की आबादी के नजरिये से देखे जाने की जरूरत है।
जापान और कनाडा ने दिया आबादी के लिहाज से ज्यादा खुराकों का ऑर्डर
उदाहरण के तौर पर, कनाडा ने तीनों कंपनियों को 9.6 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है। आबादी को देखते हुए कनाडा का यह ऑर्डर पर्याप्त है। हर व्यक्ति को संक्रमण से सुरक्षा के लिए दो खुराक की जरूरत होती है। ऐसे में कनाडा की लगभग 3.76 करोड़ आाबादी के हिसाब से खुराकों की संख्या अधिक है। इसी तरह जापान ने 29 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है। ये जापान की 115 फीसदी आबादी को कवर कर सकती है।
भारत को जुलाई तक 40-50 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद
वहीं अगर अमेरिका और इंग्लैंड की बात करें तो इन देशों ने अपनी पूरी आबादी को दी जाने लायक खुराकें ऑर्डर कर ली हैं। भारत को उम्मीद है कि जुलाई तक उसे 40-50 करोड़ खुराकें मिल सकती हैं। अगर मात्रा के हिसाब से देखें तो यह बड़ी संख्या है, लेकिन भारत की आबादी के नजरिये से यह पर्याप्त नहीं है। इससे केवल 20-25 करोड़ लोगों को ही महामारी से सुरक्षा दी जा सकती है।
आप तक कब पहुंचेंगी वैक्सीन?
आबादी के अनुपात में खुराकों की थोड़ी संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने प्राथमिकता समूह बनाए हैं। इनके तहत उपलब्ध होने के बाद सबसे पहले महामारी के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। बाद में सबसे अधिक खतरे वाले उम्र वर्ग के लोगों को वैक्सीन मिलेगी। इन सबके कवर होने के बाद जवान और स्वस्थ लोगों का नंबर आएगा, जिसमें थोड़ा समय लग सकता है।
दुनियाभर में महामारी की क्या स्थिति?
वैक्सीन उपलब्ध होने के लंबे होते इंतजार के बीच दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पूरी दुनिया में लगभग 6.27 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 14.60 लाख की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 1.33 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से लगभग 2.67 लाख की मौत हो चुकी है। दूसरे नंबर पर काबिज भारत में 94.31 लाख संक्रमितों में से लगभग 1.37 लाख मरीजों की मौत हुई है।