कोरोना वायरस: मॉडर्ना ने किया गंभीर मामलों में वैक्सीन के 100 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया को राहत पहुंचाने के लिए कई कंपनियां वैक्सीन इजाद करने में जुटी है। कई कंपनियों को सफलता भी मिली है और उन्होंने वैक्सीन के 70 से 95 प्रतिशत तक प्रभावी होने का दावा किया है। इसी बीच अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना ने बड़ा दावा किया है। कंपनी का कहना है कि संक्रमण के गंभीर मामलों में उसकी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है। कंपनी के इस दावे ने सबको चौंका दिया है।
महामारी की दिशा को बदल देगी वैक्सीन- CEO
माडर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) स्टीफन बैंसेल ने कहा कि उनकी वैक्सीन तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 94.5 प्रतिशत प्रभावी मिली है, लेकिन गंभीर मामलों में यह 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है। उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि हमारी वैक्सीन एक नया और शक्तिशाली इलाज मुहैया कराएगी जो इस महामारी की दिशा को बदल सकती है। इसके अलावा गंभीर बीमारी के प्रसार और अस्पतालों में बढ़ती मौतों को रोकने में मदद कर सकती है।"
अमेरिका और यूरोप आपातकाली उपयोग की मंजूरी के लिए करेंगे आवेदन- बैंसेल
CEO बैंसेल ने कहा कि वैक्सीन की प्राभाविकता को देखते हुए वह वैक्सीन के उपयोग की आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी (EMA) के समक्ष भी कंडीशनल मार्केटिंग ऑथराइजेशन के लिए आवेदन करेगी। इसी पूरी तैयारी हो गई है। उन्होंने कहा कि यदि FDA उन्हें मंजूरी देता है तो वह मध्य दिसंबर तक अमेरिका के लाखों लोगों तक वैक्सीन की खुराक पहुंचा देंगे।
30,000 लोगों पर किया जा रहा वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल
बता दें कि वैक्सीन का अमेरिका में 30,000 लोगों पर तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। 16 नवंबर को कंपनी ने 95 रोगियों पर किए गए अध्ययन के आधार वैक्सनी के 94.5 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। इसके बाद कंपनी ने 196 मरीजों पर अंतरिम विश्लेषण किया। इसमें गंभीर मामलों में वैक्सीन 100 प्रतिशत तक प्रभावी साबित हुई है। इन 196 मरीजों में 65 साल से अधिक उम्र के 33 लोग शामिल थे।
वैक्सीन में नजर आए ये साइड इफेक्ट
तीसर चरण के ट्रायल में वैक्सीन की खुराक दिए जाने के बाद वॉलेंटियर्स में इंजेक्शन की जगह दर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द की शिकायतें देखी गई थी, लेकिन ये सामान्य रही। रोगियों में दूसरी खुराक के बाद तेजी से सुधार देखा गया था। कंपनी की दावा है कि क्लिनिकल ट्रायल में किसी भी वॉलेंटियर में गंभीर साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं। ऐसे में अब वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग मिलने की बढ़ गई है।
साल के अंत तक दो करोड़ खुराकों के उत्पादन की जताई उम्मीद
कंपनी ने साल के अंत तक अमेरिका के लिए दो करोड़ खुराकों के उत्पादन की उम्मीद जताई है। इसके अलावा साल 2021 में कंपनी ने दुनियाभर में सप्लाई के लिए 50-100 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने की योजना तैयार की है।
फाइजर ने किया आपातकालीन मंजूरी के लिए आवेदन
बता दें कि अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने अपनी वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए गत 21 नवंबर को FDA के यहां आवेदन कर दिया था। उसको 10 दिसंबर तक मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। कंपनी ने वैक्सीन के 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। इसी तरह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार वैक्सीन के भी तीसरे चरण के ट्रायल में 70.4 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया गया है।