ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण भारत में आ सकते हैं डेल्टा लहर जितने मामले- विशेषज्ञ
क्या है खबर?
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य मैट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान (IHME) के निदेशक डॉ क्रिस्टोफर मरे ने कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की लहर के दौरान भारत में उतने ही मामले सामने आ सकते हैं जितने डेल्टा वेरिएंट के कारण आई दूसरी लहर में आए थे।
उन्होंने कहा कि देश में ओमिक्रॉन की लहर जनवरी के अंत या फरवरी के शुरूआत में पीक कर सकती है। अन्य विशेषज्ञों ने भी इसी दौरान तीसरी लहर का पीक आने का अनुमान लगाया है।
बयान
ओमिक्रॉन के कारण दुनियाभर में आ सकते हैं 3 अरब मामले- डॉ मरे
इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में डॉ मरे ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण दुनियाभर में महज दो महीने के अंदर तीन अरब मामले सामने आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मध्य जनवरी में इस लहर की पीक आ सकती है और इस दौरान लगभग 3.5 करोड़ वैश्विक दैनिक मामले आ रहे होंगे जो अप्रैल में आई डेल्टा लहर के दौरान आए मामलों से तीन गुना होंगे।
अनुमान
"भारत में आएंगे डेल्टा लहर जितने मामले, हल्के होंगे लक्षण"
भारत के बारे में डॉ मरे ने कहा कि उछाल के दौरान यहां डेल्टा लहर जितने मामले सामने आ सकते हैं और इस लहर की जनवरी के अंत या फरवरी की शुरूआत में पीक आ सकती है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन के कारण लक्षण हल्के होंगे, लेकिन ओमिक्रॉन बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करेगा और किसी भी तरह की पाबंदियां इसे रोक नहीं सकती हैं। दुनियाभर में ऐसा देखने को भी मिल रहा है।
अच्छी खबर
ओमिक्रॉन की लहर के दौरान कम रहेंगी मौतें- डॉ मरे
डॉ मरे ने कहा कि ओमिक्रॉन की लहर के दौरान दुनियाभर में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या और मौतें मामलों के अनुपात में काफी कम रहेंगी।
10 लाख से अधिक दैनिक मामले दर्ज करने वाले अमेरिका में भी उन्होंने मौतें सितंबर की डेल्टा लहर और 2020-21 की सर्दियों की लहर के मुकाबले कम रहने का अनुमान लगाया।
उन्होंने कहा, "आधिकारिक मामले वास्तविक मामलों की तुलना में कम दर से बढ़ेंगे क्योंकि गैर-लैक्षणिक मरीजों की संख्या ज्यादा रहेगी।"
आंकड़े
डेल्टा लहर के दौरान भारत में आए थे 4.14 लाख दैनिक मामले
बता दें कि भारत में डेल्टा लहर के दौरान अधिकतम 4.14 लाख दैनिक मामले सामने आए थे, लेकिन ओमिक्रॉन की इस लहर में मामले डेल्टा के मुकाबले कई गुना तेजी से बढ़ रहे हैं।
नौ दिन के अंदर ही देश में दैनिक मामले छह गुना बढ़ गए हैं और बीते दिन 58,097 नए मामले सामने आए। राहत की बात ये है कि अभी तक मौतें और अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या में वृद्धि देखने को नहीं मिली है।