उत्तर प्रदेश: पत्नी और बेटे के साथ जेल भेजे गए सपा नेता आजम खान, जानिये मामला
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद मोहम्मद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को बुधवार को रामपुर की अपर जिला सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में दो मार्च तक के लिए जेल भेज दिया है। आजम ने मामले में जमानत याचिका भी लगाई थी, लेकिन सोमवार को निचली अदालत ने उसे खारिज कर दिया था। मामले में अगली सुनवाई अब 2 मार्च को होगी।
मंगलवार को अदालत ने जारी किया था कुर्की का आदेश
सोमवार को निचली अदालत द्वारा सांसद आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे की जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद मंगलवार को अदालत ने उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे। इससे पहले उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जा चुका था। बुधवार को तीनों जब ADJ कोर्ट में पहुंचे तो न्यायाधीश ने उन्हें 2 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब वह दो मार्च को फिर से जमानत याचिका दायर करेंगे।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का है मामला
भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी, 2019 को गंज कोतवाली थाने में आजम खान के बेटे के दो जन्म प्रमाण पत्र बनाकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया था। इसमें आजम खान और उनकी पत्नी को आरोपी बनाया गया था। सितंबर में अदालत ने तीनों को समन जारी किया था, लेकिन वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद 18 दिसंबर को कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
अब्दुल्ला के दोनो जन्म प्रमाण पत्रों में अलग-अलग है जन्मतिथि
मामले के मुताबिक, आजम खान और उनकी पत्नी ने बेटे अब्दुल्ला आजम का एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगरपालिका से बनवा रखा है। उसमें उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 है। इसी तरह उन्होंने लखनऊ अस्पताल से भी दूसरा प्रमाण पत्र बनवा रखा है। जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 है। उन्होंने पासपोर्ट और पैन कार्ड में उम्र ठीक कराने के लिए दूसरा पासपोर्ट और पैन कार्ड बनवाकर धोखाधड़ी की है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मामला
आपको बता दें कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 467, 468 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इलाहबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी आजम खान के बेटे की विधायकी
आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह ने रामपुर की स्वार सीट से विधायक का चुनाव जीता था। उसके खिलाफ नवाब काजिम अली ने इलाहबाद हाईकोर्ट में जन्म प्रमाण पत्रों में हेराफेरी की याचिका दायर की थी। मामले में सत्यता पाए जाने पर हाईकोर्ट ने गत 16 दिसंबर उनकी विधायकी रद्द कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि चुनाव के समय अब्दुल्लाह की आयु विधायकी के लिए आवश्यक 25 वर्ष से कम थी। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
आजम खान के खिलाफ दर्ज हैं 88 मुकदमे
सांसद आजम खान के खिलाफ यह कोई पहला मामला नहीं है। उनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में जमीन हड़पने, भैंस, बकरियां, किताबें और बिजली चोरी करने जैसे आरोपों में अब तक 88 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 18 से अधिक मामलों में तो चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। गत वर्ष रामपुर प्रशासन ने तो उन्हें भू-माफिया भी घोषित कर दिया था। इसके अलावा पुलिस उनकी हिस्ट्री शीट खोलने पर भी विचार कर रही है।