भाजपा में शामिल हुईं जया प्रदा, आजम खान के खिलाफ रामपुर से लड़ सकती हैं चुनाव
अमर सिंह की करीबी और समाजवादी पार्टी से सांसद रहीं जया प्रदा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई हैं। वह रामपुर लोकसभा सीट से सपा के दिग्गज नेता आजम खान के खिलाफ मैदान में उतर सकती हैं। साल 2004 और 2009 में वह इसी सीट से सपा की टिकट पर दो बार सांसद चुनी गईं थीं। बता दें कि हाल ही में उन्होंने आजम खान पर उन पर एसिड अटैक कराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
रामपुर से सांसद रह चुकी हैं जया
जया, 2004 से 2014 तक रामपुर से सांसद थीं। वह 2004 से 2010 तक समाजवादी पार्टी की सदस्य थीं, लेकिन बाद में राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गईं।
जया प्रदा ने कहा, अब तक जो किया दिल से किया
सदस्यता ग्रहण करने के बाद जया प्रदा ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है और उन्होंने अब तक जो भी काम किया है, वह दिल से किया है। उन्होंने कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे अहम पल है। मैंने हमेशा दिल से काम किया। आज मुझे बीजेपी में काफी सम्मान के साथ सदस्यता मिली है। मैं सबका धन्यवाद करना चाहती हूं।"
'पहली बार एक राष्ट्रीय पार्टी का हिस्सा बनी'
इस दौरान जया प्रदा ने अपने पुराने राजनीतिक सहयोगियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मैंने पहले एनटी रामाराव और फिर चंद्रबाबू नायडू के साथ काम किया। इसके बाद सपा में शामिल हुई और मुलायम सिंह यादव के साथ काम किया। अब पहली बार मैं एक राष्ट्रीय पार्टी की हिस्सा हूं और मैं उस पार्टी में हूं जहां नेताओं के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एक मुद्दा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का शुक्रिया करती हूं।"
जया प्रदा ने आजम खान पर लगाया था सनसनीखेज आरोप
पिछले दिनों आजम खान पर आरोप लगाते हुए जया ने कहा था, "मैं एक महिला के तौर जिस हालात मेें आजम खान के साथ चुनाव लड़ रही थी, मुझ पर एसिड अटैक और जान का खतरा था। मैं अपनी मां को यह नहीं बता सकती थीं कि मैं घर वापस आ पाऊंगी या नहीं।" उन्होंने कहा था कि जब उनकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया पर डाला गया तो उनके मन में आत्महत्या करने का विचार आया था।
'अमर सिंह को राखी भी बांध दूं तो लोग बातें करना बंद नहीं करेंगे'
जया प्रदा ने कहा कि इस दौर में अमर सिंह के अलावा कोई और नेता उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया था। उन दोनों के रिश्ते को लेकर उठने वाले सवालों पर उन्होंने कहा था कि अगर वह अमर सिंह को राखी भी बांध दें तो लोग बातें करना बंद नहीं करेंगे। बता दें कि 2014 में आजम से मतभेद के कारण जया प्रदा को रामपुर से टिकट नहीं मिला था और वह RLD के टिकट पर लड़ी थीं।
साल 1994 में की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत
जया ने 1994 में टीडीपी में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, लेकिन चंद्रबाबू नायडू के साथ मतभेदों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद वह सपा में शामिल हुईं और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के विश्वासपात्र के रूप में देखी गईं। 2004 में उन्होंने रामपुर से चुनाव लड़ा, जिसके लिए आजम खान और अमर सिंह ने चुनाव प्रचार किया था। नतीजतन जया ने विरोधी उम्मीदवारों को 85,000 मतों के अंतर से हराया।