
AIIMS निदेशक बोले- जून या जुलाई में भारत में चरम पर होंगे कोरोना वायरस के मामले
क्या है खबर?
AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने गुरूवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस के मामले अगले एक या दो महीने में अपने पीक (उच्चतम स्तर) पर होंगे और इसके बाद कम होना शुरू हो सकते हैं।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मॉडलिंग डाटा और जिस तरीके से मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि पीक जून या जुलाई में आएगा।"
स्थिति
पिछले तीन दिनों में आए हैं 10,000 से अधिक मामले
भारत में गुरूवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 52,952 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 1,783 लोगों की मौत हुई है, वहीं 15,267 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है।
पिछले तीन दिनों में मामलों में जबरदस्त उछाल आया है और तीनों दिनों में मिलाकर 10,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
लॉकडाउन के बावजूद मामलों में लगातार उछाल के बीच सबके मन में यही सवाल है कि मामले कब घटेंगे।
इंटरव्यू
डॉ गुलेरिया बोले- टेस्टिंग बढ़ने के कारण आया उछाल
इसी सवाल का जबाव देते हुए AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने जून या जुलाई में पीक आने की बात कही है।
'इंडिया टुडे' से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मामलों में अचानक उछाल टेस्टिंग बढ़ने के कारण आया है, लेकिन अब मामले कुछ ही इलाकों तक सीमित हैं।
उन्होंने कहा, "ये कहना मुश्किल है कि बीमारी कितनी लंबी चलेगी, लेकिन हम कह सकते हैं कि पीक पर जाने के बाद कोई भी बीमारी नीचे जरूर आती है।"
लॉकडाउन
लॉकडाउन के असर पर ये बोले डॉ गुलेरिया
लॉकडाउन के असर पर डॉ गुलेरिया ने कहा, "लॉकडाउन का बड़ा असर हुआ है। पहला फायदा ये है कि केस जितने बढ़ते, उतने नहीं बढ़े हैं। जिन देशों के साथ हमने शुरूआत की थी, उनके मुकाबले भारत में काफी कम मामले हैं।"
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण कोविड समर्पित अस्पताल बनाने, डॉक्टरों की ट्रेनिंग और अन्य तैयारियों का समय मिला है।
उन्होंने कहा कि सरकार को टेस्टिंग में इजाफा करना चाहिए और हॉटस्पॉट इलाकों पर सख्ती बरकरार रखनी चाहिए।
पहले का मूल्यांकन
पहले कही गई थी मई के पहले हफ्ते में पीक की बात
इससे पहले केंद्र सरकार के एक मूल्यांकन में सामने आया है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले मई के पहले हफ्ते में अपने पीक (उच्चतम स्तर) पर होंगे। इसके बाद मामले कम होना शुरू हो जाएंगे।
वहीं सरकार के एक अन्य विश्लेषण में भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर होने की बात सामने आई थी। भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मरीजों और मौतों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले कई गुना कम है।
जीवन में बदलाव
लोगों को करना होगा लाइफस्टाइल में बदलाव- डॉ गुलेरिया
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जनता के सहयोग की मांग करते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा, "कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबे समय तक चलेगी। ऐसे में सबकी लाइफस्टाइल में बदलाव आएगा। आप सबको अपनी लाइफस्टाइल बदलना होगी। शॉपिंग मॉल्स और मूवी थिएटर्स जाने पर आपको सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर, हैंडवाश और मास्क पहनने जैसे नए नियमों का पालन करना होगा। कोरोना के खिलाफ लड़ाई, जनता की लड़ाई है। ऐसे में जनता को सहयोग करना होगा।"