कोरोना वायरस: अहमदाबाद में एक हफ्ते के लिए पूर्ण लॉकडाउन, सूरत शनिवार से होगा बंद

लॉकडाउन और अन्य तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना वायस के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए गुजरात के अहमदाबाद को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। आज रात से लागू हुआ ये पूर्ण लॉकडाउन 15 मई तक चलेगा और इस दौरान दवा और दूध की दुकानों को छोड़कर बाकी सबकुछ बंद रहेगा। शहर में अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। शनिवार से सूरत में भी इसी तरह का पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जाएगा।
बता दें कि अहमदाबाद कोरोना वायरस का एक बड़ा केंद्र बना हुआ है और गुजरात के कुल मामलों में से एक बड़ा हिस्सा केवल अहमदाबाद का है। देश के दूसरे सबसे अधिक प्रभावित राज्य गुजरात के कुल 6,625 मामलों में से 4,425 केवल अहमदाबाद से हैं। वहीं राज्य की 396 मौतों में से 273 अहमदाबाद में हुई हैं। शहर में कोरोना वायरस की मृत्यु दर 6.1 प्रतिशत है जो 3.3 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
अहमदाबाद में जमालपुर सबसे अधिक प्रभावित इलाका है और यहां अब तक कोरोना वायरस के 728 मामले सामने आ चुके हैं और 79 लोगों की मौत हुई है। अगर सूरत की बात करें तो यहां अब तक 750 मामले सामने आ चुके हैं और ये राज्य में कोरोना वायरस का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है। इसी कारण शहर में शनिवार से अहमदाबाद की तर्ज पर पूर्ण लॉकडाउन लागू किया जाएगा।
अहमदाबाद के नगर आयुक्त विजय नेहरा खुद कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद क्वारंटाइन में हैं और उनकी जगह वन और पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने जिम्मेदारी संभाली है। उनके जिम्मेदारी संभालने के बाद कल अहमदाबाद को एक हफ्ते के लिए पूरी तरह से बंद करने का आदेश जारी किया गया। इसे कड़ाई से लागू करने के लिए अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनियों को बुलाया गया है।
पूर्ण लॉकडाउन के इस आदेश में दवा और दूध के दुकानों को छोड़कर बाकी सभी चीजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सुपरमार्केट, किराना दुकानें और सब्जी के ठेले संक्रमण का बड़ा कारण बनकर उभरे हैं और ये 15 मई तक बंद रहेंगे। ऑनलाइन ऑर्डर किए गए खाने की डिलीवरी पर ये कहते हुए पाबंदी लगा दी गई है कि स्विगी और जोमैटो जैसे ऐप के डिलीवरी बॉय भी संक्रमण फैला सकते हैं।
वहीं शहर के निजी अस्पतालों और क्लीनिक्स को सेवाएं शुरू करने या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है। लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही ये बंद हैं। नौ निजी अस्पतालों को COVID अस्पताल बनाने का फैसला भी लिया गया है।