कोरोना वायरस: दिल्ली में शुरू नहीं हुआ कम्युनिटी ट्रांसमिशन; देश की क्या है स्थिति?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच मंगलवार को दिल्ली में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। यह बैठक दिल्ली में संक्रमण के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका की पुष्टि के लिए बुलाई गई थी। बैठक के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है। आइये, जानते हैं कि इसका मतलब क्या है और भारत में अभी संक्रमण किस चरण में हैं।
संक्रमण के होते हैं ये चरण
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, संक्रमण को छिटपुट मामले, कलस्टर मामले और कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में विभाजित किया जा सकता है। पहले चरण में उन मामलों को रखा जाता है जो या तो विदेश से आए हैं या कहीं-कहीं कोई मामला सामने आ गया है। लोकल ट्रांसमिशन भी एक चरण होता है। इसमें उन मामलों को रखा जाता है, जो एक ही स्थान पर सामने आए हैं। इसका मतलब कि संंक्रमण का स्त्रोत उस जगह पर ही है।
ये होते हैं कलस्टर से जुड़े मामले
कलस्टर चरण में उन मामलों को रखा जाता है जो एक जगह, एक स्थान या एक वजह से संबंधित हो। भारत में मुंबई के धारावी और वर्ली, दिल्ली के निजामुद्दीन, राजस्थान के भीलवाड़ा और चेन्नई के कोयांबेडु को कलस्टर माना गया है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या होता है?
यह लोकल ट्रांसमिशन का बड़ा रूप होता है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। अगर कोई ऐसा व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से लौटा है और न ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला माना जाएगा।
भारत में संक्रमण किस स्थिति में है?
भारत सरकार ने कई मौकों पर कहा है कि देश में अभी तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है। सरकार का कहना है कि कई इलाकों में स्थानीय फैलाव और कलस्टर आदि के स्तर पर संक्रमण फैल रहा है। हालांकि विशेषज्ञ इस बात से सहमति नहीं रखते हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि दिल्ली-मुंबई सहित 10-12 शहरों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता कैसे चलता है?
आसान भाषा में जब एक तय क्षेत्र में संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलता है तो यह मान लिया जाता है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। न्यूज 18 के मुताबिक, हर राज्य में स्वास्थ्य विभाग संक्रमित पाए गए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करता है। अगर ज्यादातर मामलों में स्त्रोत का पता नहीं चल पाता है तो यह इस बात का संकेत है कि उस इलाके में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है।
क्या देशभर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जांच हुई है?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देशभर में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि के लिए फरवरी-अप्रैल में एक सर्वे किया था। इसमें ICMR ने सांस से संबंधित गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 5,911 लोगों के सैंपल लिए थे। इनमें से 104 लोग (1.8 प्रतिशत) कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। 104 में से 40 मरीज (39.2 प्रतिशत) मरीज ऐसे थे, जो न तो विदेशों से लौटे थे और न ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे।
संक्रमण पर नजर रखने के ये भी तरीके
इसके अलावा हर राज्य में इंटेग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की लिस्ट बनाती है। साथ ही राज्य सरकारें महामारी सर्विलांस का भी इस्तेमाल करती है।
साफ संकेत के बावजूद सरकार ने किया था खंडन
इस सर्वे में साफ तौर पर कुछ इलाकों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने के संकेत मिले थे। इसके बावजूद सरकार ने खंडन करते हुए कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू न होने की बात कही थी। अब सरकार ने 69 जिलों में संक्रमण का पता लगाने के लिए एक और सर्वे शुरू किया है। इसमें लोगों के शरीर में IgG (इम्युनोग्लोबुलिन G) एंटी-बॉडी की मौजूदगी देखी जाएगी, जो संक्रमण के 10-14 दिनों में बनती है। यह संक्रमण से बचाने में काम आती है।
दिल्ली में मिले कम्युनिटी ट्रांसमिशन के साफ संकेत
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के 50 प्रतिशत मामलों में संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं है। यानी जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें से आधे कैसे संक्रमित हुए, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। यह कम्युनिटी ट्रांसमिशन का साफ संकेत है। हालांकि, जैन ने इसके ऐलान के जवाब पर कहा कि केंद्र सरकार ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन के शुरू होने या न होने की घोषणा कर सकती है।
दिल्ली में कितने मामले और कितनी मौतें?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार सुबह तक राजधानी दिल्ली में 29,943 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 17,712 सक्रिय मामले हैं, 11,357 लोग ठीक हुए हैं और 874 की मौत हो चुकी है।