बिहार के लिए पैदल निकले युवक को रास्ते में हुई मोहब्बत, जीवनसंगिनी के साथ पहुंचा घर
कहते हैं जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है। इसी की बानगी पेश करती एक कहानी लॉकडाउन के दौरान सामने आई है। दरअसल, लॉकडाउन में कई लोग अपने घर जाने के लिए हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही नाप रहे हैं। सलमान भी इन्हीं में से एक है जो दिल्ली से पैदल ही बिहार के लिए निकला था, लेकिन जब घर पहुंचा तो उसके साथ उसकी जीवनसंगिनी भी थी। हैरान मत होइए, आगे पढ़िए।
फिल्मी कहानी से कम नहीं है सलमान के निकाह की कहानी
बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले सलमान का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। सलमान लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंस गया था और कुछ दिन बाद वह परिवार के संग पैदल ही घर के लिए निकल लिया। हरियाणा पहुंचकर सलमान का परिवार थक गया तो उन्होंने आराम करने के लिए एक जगह चुनी। इसी दौरान सलमान के पिता को उनके एक दोस्त भी मिल गए जो अपने परिवार के साथ बिहार जा रहे थे।
इस तरह शुरू हुई सलमान के प्यार की दास्तां
इसके बाद आगे के सफर में दोनों परिवार साथ चल दिए। पैदल चलते-चलते सलमान और उसके पिता के दोस्त की बेटी शहनाज में बातचीत शुरू हो गई। जब दोनों परिवार आगरा पहुंचे तो शहनाज ने सलमान से पूछा यह कौन सा शहर है। इस पर सलमान ने जवाब दिया कि यह ताजमहल का शहर है। इसके बाद शहनाज ने कहा कि क्या आप मुझे ताजमहल दिखाएंगे। इससे सलमान को एहसास हुआ कि दोनों एक जैसा ही सोच रहे हैं।
दोनों परिवार के बीच शुरू हुई तू-तू, मैं-मैं
इस बीच दोनों परिवारों को पता चल गया कि सलमान और शहनाज एक-दूसरे को चाहने लगे हैं और गोरखपुर पहुंचने पर दोनों परिवारों ने तय किया कि अब वे आगे का सफर अकेले ही तय करेंगे। इसी बीच सलमान ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि साथ चलने में क्या परेशानी है। जब पिता ने मना किया तो सलमान का सब्र का बांध टूट गया और कह दिया कि वह शहनाज को लेकर ही जाएगा।
शहनाज के गांव में हुआ दोनों का निकाह
इसके बाद दोनों परिवारों के बीच काफी लंबी बातचीत हुई। दोनों परिवार गुस्से में थे, लेकिन सलमान और शहनाज की जिद के आगे दोनों परिवारों को घुटने टेकने पड़े और शाम को निकाह हो गया। निकाह शहनाज के गांव में हुआ तो गांववालों ने कुछ कपड़े और पैसे भी दिए और कहा कि ये हमारे गांव की बेटी है। बता दें कि सलमान दिल्ली की दुकान पर उर्दू टाइपिंग का काम करता है जो लॉकडाउन में काम ठप हो गया।