राम जन्मूभमि के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला पहुंचा कोर्ट, दायर किया सिविल मुकदमा
अयोध्या में सालों तक चले राम जन्मभूमि के विवाद के बाद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का विवाद कोर्ट पहुंच गया है। श्री कृष्ण विराजमान ने शुक्रवार को मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर कर 13.37 एकड़ की श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर मालिकाना हक की मांग की है। इसके अलावा शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग की है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मस्जिद को श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ही बनाया गया है।
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के नाम से दायर किया मुकदमा
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह मुकदमा 'भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर' के नाम से उनके अंतरंग सखी रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य भक्तों ने दाखिल किया है। बता दें कि लखनऊ निवासी अधिवक्ता अग्निहोत्री ने सुप्रीम कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में हिंदू महासभा का प्रतिनिधित्व किया था। ऐसे में अब उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले को उठाया है।
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 है मुकदमे में बड़ी अड़चन
श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर दायर किए गए इस मुकदम में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 एक बड़ी अड़चन है। इसके तहत देश में 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों की यथास्थिति को बदलने वाले मामलों को कोर्ट नहीं ले जाया जा सकता है। हालांकि, इस एक्ट के जरिए के विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमेबाजी को लेकर मालकिना हक पर मुकदमे के लिए छूट दी गई थी। ऐसे में अब इस मामले में छूट मिलना डेढ़ी खीर होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी रोक
बता दें पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने ऐसे मामलों में काशी मथुरा सहित देश में 1947 के समय के मौजूद धार्मिक स्थलों पर नए मुकदमे दायर करने पर रोक लगा दी थी।
कृष्ण जन्मभूमि पर मुस्लिम समुदाय का नहीं है कोई अधिकार
अंतरंग सखी रंजना अग्निहोत्री के माध्यम से श्रीकृष्ण विराजमान द्वारा दायर ताजा मुदकमे में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह या मुस्लिम समुदाय के किसी भी सदस्य को कटरा केशव देव की संपत्ति में कोई दिलचस्पी या अधिकार नहीं है। यह पूरी 13.37 एकड़ भूमि देवता भगवान श्री कृष्ण विराजमान में निहित हैं। यह मुकदमा मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति द्वारा जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए किया गया है।
औरंगजेब ने ध्वस्त कर दिया था कृष्ण मंदिर
इतिहासकार जदु नाथ सरकार के हवाले से जगह के इतिहास के बारे में अग्निहोत्री ने कहा 1669-70 में औरंगजेब ने कटरा केशवदेव स्थित भगवान कृष्ण के जन्म के मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और एक संरचना बनाई गई थी और इसे ईदगाह मस्जिद कहा गया था। 100 साल बाद मराठों ने गोवर्धन की लड़ाई जीत ली और आगरा और मथुरा के पूरे क्षेत्र के शासक बन गए। मराठों ने मस्जिद को हटाकर भगवान श्रीकृष्ण मंदिर का जीर्णोद्धार किया था।
1815 में अग्रेजों ने की थी जमीन की नीलामी
मुकदमे में कहा गया है कि 1815 में अंग्रेजों ने जमीन की नीलामी कर राजापाटनी मल को बेची थी। 1944 में राजापाटनी के वारिसों ने जमीन पंडित मदन मोहन मालवीय, गोस्वामी गणेश दत्त को 19,400 रुपये में बेच दी। उन्होंने मार्च 1951 में एक ट्रस्ट बनाया और जमीन पर मंदिर बनाने की घोषणा की। अक्टूबर 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह सोसाइटी के बीच जमीन का ट्रस्ट होने पर समझौता हुआ था।
मामले में नहीं आएगी स्थगन आदेश की समस्या- अग्निहोत्री
अग्निहोत्री ने कहा कि मथुरा कोर्ट ने पहले ही उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है और सोमवार को उसकी कॉपी मिलने की उम्मीद है। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 पर उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि मुकदमे पर स्थगन आदेश जैसी कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने एक्ट का अध्ययन करने के बाद ही मुकदमे का आधार तैयार किया है। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों के आधार पर मुकदमे को हरी झंडी मिलेगी।