जम्मू-कश्मीर: 15 अगस्त के बाद ट्रायल के तौर पर दो जिलों में शुरू होगा 4G इंटरनेट

15 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर के दो जिलों में ट्रायल के तौर पर 4G इंटरनेट सेवाएं शुरू की जाएंगी। इनमें एक जिला जम्मू और एक जिला कश्मीर का होगा। केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी। सरकार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा (LoC) से लगते किसी भी इलाके में ये रियायत नहीं दी जाएगी और जिन इलाकों में आतंकी गतिविधियां बेहद कम हैं, वहीं 4G सेवाएं शुरू होंगी।
पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले से पहले राज्य में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। कुछ महीनों बाद 2G इंटरनेट तो शुरू कर दिया गया, लेकिन 4G सेवाएं अभी तक बंद है। फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स नामक एक गैर-सरकारी संस्था (NGO) ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इंटरनेट की स्पीड को 2G तक सीमित रखने के फैसले को चुनौती दी थी।
NGO की याचिका पर सुनवाई करते हुए 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने की समीक्षा करने के लिए उच्च-स्तरीय अधिकारियों का एक पैनल बनाने का आदेश दिया था। जून में NGO ने फिर से केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर करते हुए कहा कि पैनल बनाए जाने पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है और केंद्र सरकार कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है।
21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए केंद्र सरकार ने बताया कि 10 जून को पैनल का गठन कर दिया गया था और उसने 4G इंटरनेट पर लगी पाबंदी को दो महीने और बरकरार रखने का फैसला लिया है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के बयान के आधार पर इलाके में 4G सेवाएं शुरू करने की संभावना पर विचार करने को कहा था। मुर्मू ने 24 जुलाई को कहा था कि 4G इंटरनेट सेवाएं शुरू करना कोई समस्या नहीं है और पाकिस्तान 2G स्पीड होने पर भी अपना प्रोपगैंडा जारी रखेगा। तब केंद्र ने मुर्मू के बयान की सत्यता की जांच करने की बात कही थी।
अब आज केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को ट्रायल के तौर पर 4G इंटरनेट शुरू करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले पर बनाए गए पैनल ने ये फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नए राज्यपाल की नियुक्ति के कारण निर्देश को लागू करने के लिए कुछ समय मांगा है। बता दें कि पिछले हफ्ते ही मुर्मू की जगह मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था।