संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन, जानिये उनके भाषण की बड़ी बातें
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के सत्र को संबोधित किया।
अपने 14 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत की बहुपक्षता के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई और मौजूदा हालातों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं में सुधार की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने अपनी सरकार के विकास कामों और दुनिया में भारत के योगदान का भी जिक्र किया।
आइये, उनके संबोधन की बड़ी बातों पर नजर डालते हैं।
संबोधन
संयुक्त राष्ट्र में सुधार का मौका- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा स्वरूप में बदलाव की जरूरत बताते हुए कहा कि भारत इस संदर्भ में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना दूसरे विश्व युद्ध के हालातों में हुई थी। अब महामारी के कारण एक बार फिर वैसा माहौल बन गया है। इसलिए इस संस्थान में सुधार और नए सिरे से इसकी शुरुआत करने का मौका मिला है। दुनिया को इस मौके को गंवाना नहीं चाहिए।
संबोधन
भारत अपनी भूमिका निभाने को तैयार- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस धैर्य की परीक्षा ले रहा है। भारत ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई को आम आदमी का अभियान बना दिया है। यहां सरकार और नागरिक समाज मिलकर इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। भूकंप, चक्रवात या इबोला का संकट हो, भारत ने हमेशा समय पर और सबसे आगे रहकर सेवा भाव दिखाया है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक विकास के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए भारत अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।
जानकारी
ECOSOC के पहले प्रमुख भारतीय थे
उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के 50 संस्थापक देशों में शामिल हैं और ECOSOC के पहले प्रमुख भारतीय थे। भारत ने ECOSOC के एजेंडे को आकार देने में योगदान दिया है। बता दें रामास्वामी मुदालियर 1946 में इसके पहले अध्यक्ष बने थे।
संबोधन
सबको साथ लेकर विकास के राह पर बढ़ रहा भारत- मोदी
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मोदी कहा, "हम सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत ने कोरोना महामारी के दौरान 150 देशों की मदद की है।"
उन्होंने यह भी बताया कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर भारत में हर परिवार के पास उसका आवास होगा।
उन्होंने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए चल रहे अभियान की भी चर्चा की।
संबोधन
हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा भारत- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। अब सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुुरुआत की है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की तरफ से तय सामाजिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में भारत की तरक्की के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने आगे कहा, "हम विकास के राह पर बढ़ते हुए पर्यावरण का भी ख्याल रख रहे हैं। हमने स्वच्छता जैसे मुद्दे को गंभीरता से लिया है।"
संबोधन
मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली के कारण देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर दुनिया के कई देशों से बेहतर है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "हमने महामारी के खिलाफ लड़ाई को सरकार और समाज के प्रयासों को मिलाकर आंदोलन बनाने की कोशिश की। हमारी सरकार ने गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।"
संबोधन
भारत को जिम्मेदारियों का अहसास- मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा, "भारत में दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा रहता है। हमें अपनी जिम्मेदारियां का अहसास है। हम जानते हैं कि अगर भारत अपने विकास लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाब होता है तो यह वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति में भी दूरगामी कदम होगा।"
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राज्यों, नागरिक समाज, समुदायों और लोगों को मिलाकर संपूर्ण समाज की सोच को अपनाया है।