डोकलाम के पास चीन ने टॉवर समेत 1,000 अस्थायी घर बनाए, भारत की चिंता बढ़ी- रिपोर्ट
डोकलाम के पास भूटान की अमो चू नदी के पास चीनी सेना ने करीब 1,000 अस्थायी घरों का निर्माण किया है। इंडिया टुडे ने इस बात की जानकारी दी है। चीनी सेना ने घरों के साथ ही नेटवर्क टॉवर भी बनाए हैं। डोकलाम भारत, चीन और भूटान के बीच एक तिराहे के समान है। यहां चीन के निर्माण से भारत का सिलीगुड़ी गलियारा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की सीधी निगरानी में आ जाएगा।
अस्थायी निर्माण से बढ़ सकती है भारत की चिंता- रिपोर्ट
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस निर्माण से भारत के सुरक्षा हितों को खतरा होगा। भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि डोकलाम पर नियंत्रण से चीन को सामरिक लाभ मिलेगा। भारतीय सेना के अफसरों ने हाल ही में भूटान के हा जिले में भूटानी सेना के साथ काम कर रहे भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की थी। बैठक में चीन द्वारा किए जा रहे निर्माण का उल्लेख किया गया। हा जिला विवादित क्षेत्र के पूर्व में है।
डोकलाम से सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर खतरे की आशंका
डोकलाम पठार से भूटान और सिक्किम के बीच स्थित चुंबी घाटी के अलावा दक्षिण में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर भी दिखाई देता है। अगर भविष्य में भारत और चीन के बीच संघर्ष की कोई स्थिति बनी तो चीनी सैनिक डोकलाम का इस्तेमाल भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर कब्जे के लिए कर सकते हैं। सिलीगुड़ी कॉरिडोर पूर्वोत्तर राज्यों को बाकी भारत से जोड़ता है। भारत के नक्शे में ये 'मुर्गी की गर्दन' जैसा दिखाई देता है।
क्या है डोकलाम को लेकर विवाद?
डोकलाम नाथू ला पास से करीब 15 किलोमीटर दूर है। इसे लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है। भारत का इस जगह पर कोई सीधा दावा नहीं है। भारत केवल डोकलाम विवाद में भूटान का साथ देता है। 1988 और 1998 में चीन और भूटान के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश डोकलाम में शांति बनाने की दिशा में काम करेंगे। इस समझौते को न मानते हुए चीन भूटान के इलाकों पर अतिक्रमण करता रहा है।
डोकलाम विवाद में भूटान का साथ क्यों देता है भारत?
दरअसल, भारत और भूटान के बीच साल 1949 में एक संधि हुई थी। इसमें तय हुआ था कि भारत अपने पड़ोसी देश भूटान का विदेश नीति और रक्षा मामलों पर मार्गदर्शन करेगा। 2007 में दोनों देशों के बीच एक और संधि हुई थी। इसमें कहा गया था कि भूटान और भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हितों से संबंधित मुद्दों पर एक-दूसरे का सहयोग करेंगी। इसी वजह से भारत डोकलाम को लेकर भूटान का समर्थन करता आया है।
2017 में डोकलाम को लेकर चीन-भारत के बीच हुआ था विवाद
2017 में चीन ने डोकलाम को लेकर एक नया नक्शा जारी किया था, जिसमें उसने डोकलाम के विवादित क्षेत्र पर अपना दावा किया था। इसके बाद चीन ने इस इलाके में सड़क बनानी शुरू कर दी। भारत ने इस सड़क निर्माण को रुकवा दिया था, जिसके बाद इलाके में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं। ये गतिरोध 72 दिन रहा। कई दौर की वार्ता के बाद दोनों के बीच इलाके से सेना का वापस हटाने पर सहमति बनी।