
प्रधानमंत्री दिखाएंगे जम्मू-कश्मीर की पहली वंदे भारत को हरी झंडी; क्या-क्या सुविधाएं, कितना आसान होगा सफर?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहेंगे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद ये उनका पहला जम्मू-कश्मीर दौरा होगा।
इस दौरान वे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल 'चिनाब पुल' का उद्घाटन करेंगे। वे राजधानी श्रीनगर से कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
पहले इस ट्रेन का उद्घाटन 19 अप्रैल को होना था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
ट्रेन
3 घंटे में पूरा होगा 7 घंटे का सफर
ये वंदे भारत ट्रेन जम्मू के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन से उत्तरी कश्मीर के बारामुल्ला तक चलेगी। इस ट्रेन से श्रीनगर से कटरा का सफर महज 3 घंटे में पूरा हो जाएगा।
यह ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चलेगी। कटरा से सुबह 8:10 बजे रवाना होकर श्रीनगर सुबह 11:20 बजे पहुंचेगी।
वापसी में श्रीनगर से दोपहर 12:45 बजे चलेगी और शाम 3:55 बजे कटरा पहुंचेगी। यह रियासी, सांगलदान, बनिहाल, काजीगुंड, अनंतनाग और अवंतीपोर स्टेशन पर रुकगी।
सीधी रेल सेवा
पहली बार कश्मीर के लिए मिलेगी सीधी रेल सेवा
कश्मीर घाटी में रेल सेवा सिर्फ बारामुला से बनिहाल तक ही सीमित है। चुनौतीपूर्ण भूभाग के कारण 111 किलोमीटर लंबा कटरा-बनिहाल खंड का निर्माण बड़ी मुश्किलों से किया गया है।
ये उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का आखिरी हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने की थी।
परियोजना के तहत 2009 में काजीगुंड-बारामुल्ला खंड, 2013 में बनिहाल-काजीगुंड खंड, 2014 में उधमपुर-कटरा खंड, 2023 में बनिहाल-संगलदान खंड और अब संगलदान-कटरा खंड चालू किया जा रहा है।
खासियत
इन सुविधाओं से लैस होगी वंदे भारत
वंदे भारत ट्रेन में कुल 530 यात्री सफर कर सकेंगे। ट्रेन के 2 डिब्बो में 44-44, एक डिब्बे में 52 और 5 डिब्बों में 78-78 सीटें हैं।
हर डिब्बे में गर्म और ठंडे पानी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही फ्रिज, डीप फ्रीज तथा हाट केस की भी व्यवस्था की गई है, ताकि खाने पीने की चीजों को लेकर यात्रियों को परेशान न होना पड़े।
हर डिब्बे में LED स्क्रीन पर सुरंग और वादियों की जानकारी दी जाएगी।
पुल
एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है चिनाब पुल
जम्मू-कश्मीर के रायसी में स्थित चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है जो नदी के तल के स्तर से 359 मीटर (1,178 फीट) ऊपर स्थित है। यह एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
इस पुल की कुल लंबाई 1,315 मीटर है और यह USBRL का एक अहम हिस्सा है।
यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली हवाओं का मुकाबला कर सकता है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सह सकता है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
USBRL परियोजना की कुल लंबाई 272 किलोमीटर है। इस पूरे मार्ग पर 943 पुलों और 36 मुख्य सुरंगें हैं। इनमें भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग T-50 भी शामिल है, जिसकी लंबाई 12.7 किलोमीटर है।
दुर्गम भौगोलिक स्थिति और भूंकपीय रूस से संवेदनशील होने के कारण इस परियोजना में बेहद सावधानी बरती गई है।
इसी परियोजना पर अंजी खाद पुल भी है, भारत का पहला केबल-स्टेड पुल है। 96 केबलों से बना ये पुल 725 मीटर लंबा है।