
पाकिस्तान ने स्वीकार की पुलवामा आतंकी हमले में अपनी भूमिका, एयर वाइस मार्शल ने खोला राज
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकवादी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय तनाव चल रहा है।
हालांकि, शनिवार को दोनों देश संघर्ष विराम पर तैयार हो गए हैं।
इस बीच पाकिस्तानी वायुसेना के उच्च पदस्थ अधिकारी ने 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना की भूमिका को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला पाकिस्तानी सेना की एक रणनीतिक प्रतिभा थी। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
बयान
एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने किया स्वीकार
पाकिस्तान वायुसेना के महानिदेशक जनसंपर्क एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पाकिस्तानी लोगों को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व और भरोसा है, जिसे हम हमेशा हर कीमत पर बनाए रखते हैं। हमने पुलवामा में अपनी सामरिक प्रतिभा के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की थी। अब हमने अपनी परिचालन प्रगति और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया है। मेरा मानना है कि उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए।"
समझौता
"...तो नहीं हो सकता है कोई समझौता"
अहमद ने कहा, "अगर पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र, जमीन, पानी या उसके लोगों को खतरा है, तो कोई समझौता नहीं हो सकता। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। हम अपने देश के प्रति इसके लिए ऋणी हैं।"
बता दें कि पाकिस्तान ने पुलवामा हमले में शामिल होने से हमेशा इनकार किया है। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी।
पाकिस्तान ने इस मामले में बार-बार सबूत मांगते हुए भारत के आरोपों को खारिज किया है।
सच्चाई
अहमद के बयान ने पाकिस्तान के दावों को किया खारिज
अहमद के इस बयान ने न केवल पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान की साजिश का खुलासा किया है, बल्कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के लिए भी पाकिस्तान की साजिश को सामने ला दिया है।
यह दुर्लभ स्वीकारोक्ति पहलगाम आतंकवादी हमले में खुद को निर्दोष बताने के पाकिस्तान के दावे और भारत से अपनी संलिप्तता के बारे में सबूत मांगने के उसके दिखावे के विपरीत है।
ऐसे में पाकिस्तान का वास्तविक चेहरा दुनिया के सामने आ गया है।
हमला
पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान
बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर एक कार में IED रखकर आत्मघाती हमला किया किया गया था।
उस हमले में एक बस में सवार CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदार ली थी।
हमले की साजिश रचने वाला मुख्य आरोपी मसूद अजहर था। भारत को इस हमले में पाकिस्तानी सेना की भूमिका के कई सबूत भी मिले थे।