कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार का सामना कर राज्यों में केंद्रीय टीमों ने बताई ये कमियां
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे देश के कई राज्यों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। हालात नियंत्रण में लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर इन राज्यों में भेजी गई केंद्रीय टीमों ने कई कमियों की तरफ इशारा किया है। आइये, जानते हैं कि इन टीमों ने किस राज्य में किन-किन कमियों की तरफ ध्यान दिलाया है।
महाराष्ट्र में टीम को क्या कमियां मिलीं?
महाराष्ट्र को लेकर केंद्रीय टीमों का कहना है कि राज्य के अहमदनगर, औरंगाबाद, नागपुर और नंदुरबार में लगभग सभी अस्पतालों के बिस्तर भरे हुए हैं। औरंगाबाद जिला गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह पड़ोसी जिलों पर निर्भर है। इन टीमों ने भंडारा, पालघर, उस्मानाबाद और पुणे में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी पाई तो लातूर और सतारा जैसे जिलों को लेकर कहा कि ये खराब वेंटिलेटरों की समस्या से जूझ रहे हैं।
कई जगहों पर समय पर नहीं मिल रही टेस्ट की रिपोर्ट
इनके अलावा औरंगाबाद, नंदुरबार, यवतमाल, सतारा, पालघर, जलगांव, जालना जैसे जिलों मे स्वास्थ्यकर्मियों की काफी कमी है। दूसरी तरफ सतारा, भंडारा, पालघर, अमरावती, जालना और लातूर आदि जिलों में लोगों को टेस्टिंग में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में यहां टेस्ट की रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। समय पर रिपोर्ट न मिलने के कारण संक्रमित मरीज शुरुआती 72 घंटों में अस्पताल में भर्ती नहीं हो पा रहे।
पंजाब में इन कमियों की तरफ किया इशारा
पंजाब में भेजी गई केंद्रीय टीम ने पाया है कि मोहाली और रूपनगर जिले में कोरोना संक्रमितों के लिए समर्पित अस्पताल नहीं है और यहां से मरीजों को पड़ोसी जिलों में भेजा जाता है। साथ ही जालंधर और लुधियाना आदि जिलों में अस्पताल के बिस्तर पूरी तरह भरने की कगार पर है। इसके अलावा कई जिलों में डॉक्टर और नर्सों समेत स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी है। इस वजह से कई जगहों पर पर्याप्त टेस्टिंग और ट्रेसिंग नहीं हो रही।
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी
केंद्रीय टीमों ने बताया है कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग, रायपुर और माहसमुंद आदि जिलों में बिस्तर पूरी तरह भरने की कगार पर है। कई जगहों पर एंटी वायरल दवा रेमडेसिवीर की कमी महसूस की गई है। टीम ने बताया है कि कई जगहों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित है तो कई जगहों पर ऑक्सीजन बेकार हो रही है। इसे लेकर उचित योजना बनाने की जरूरत है। दुर्ग, जसपुर और राजनंदगांव आदि जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है।
कंटेनमेंट जोन में भी आवाजाही पर रोक नहीं
टीम ने पाया कि दुर्ग जिले में एंबुलेंस की कमी है, जिस कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भेजने में परेशानी हो रही है। रायपुर और जसपुर आदि जिलों में कंटेनमेंट जोन बनाने के बाद भी लोग नियम नहीं मान रहे हैं और पहले की तरह आवाजाही जारी रहती है। कई जगहों पर संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग नहीं हो रही है।
केंद्र ने राज्यों से कमियां सुधारने को कहा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तीनों राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिख केंद्रीय टीमों की तरफ से बताई गई कमियों को तुरंत दूर करने को कहा है। उन्होंने अपने पत्र में अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं को बढ़ाने और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी दूर करने के लिए ठेके पर लोगों की भर्ती का सुझाव दिया है। गौरतलब है कि देश के कुल मामलों में इन तीन राज्यों का बड़ा योगदान होता है।