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किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को NIA के समन, अकाली दल ने की केंद्र की आलोचना

किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को NIA के समन, अकाली दल ने की केंद्र की आलोचना

Jan 17, 2021
11:52 am

क्या है खबर?

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कई किसान नेताओं, कार्यकर्ताओं, पंजाबी कलाकारों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। एजेंसी का कहना है कि इन सब से खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' के खिलाफ चल रहे मामले में पूछताछ करनी है। NIA का नोटिस पाने वालोें में किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा और पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू भी शामिल हैं। वहीं अकाली दल ने इसे लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है।

समन

लगभग 40 लोगों को मिलने NIA के समन

NIA ने सिरसा और सिद्धू समेत 40 लोगों को नोटिस देकर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। वहीं किसान संगठनों का कहना है कि सरकार आंदोलन को कमजोर करने के लिए यह तरीका अपना रही है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि जिन लोगों को समन मिला है, उन्हें एजेंसी के सामने पेश होने की जरूरत नहीं है। किसान नेताओं ने सरकार के साथ अगली बैठक में भी इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।

जानकारी

इन लोगों को मिला समन

NIA ने इंद्रपाल सिंह जज, नरेश कुमार, सुरेंद्र सिंह ठिकरीवाला, नोबलजीत सिंह, पलविंद्र सिंह, प्रदीप सिंह, परमजीत सिंह अकाली, बलविंद्रपाल सिह, रणजीत सिंह दमदमी और करनैल सिंह समेत किसान आंदोलन से जुड़े लगभग 40 लोगों को समन भेजा है।

प्रतिक्रिया

केंद्र के इशारे पर भेजे जा रहे समन- सिद्धू

सिरसा ने इस समन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिये आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की और अब यह NIA का सहारा ले रही है। वहीं सिद्धू ने कहा कि जांच एजेंसी केंद्र सरकार के इशारे पर किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए ये समन भेज रही हैं।

जानकारी

खालसा ऐड को भी मिला समन

मानवीय सहायता समूह खालसा ऐड की टीम को भी NIA की तरफ से समन भेजा गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खालसा ऐड ने कहा कि वो इसे लेकर बेहद चिंतित हैं और जांच एजेंसी का पूरा सहयोग करने को तैयार है।

FIR

'सिख फॉर जस्टिस' पर क्या आरोप?

NIA की FIR में 'सिख फॉर जस्टिस' को UAPA के तहत गैरकानूनी संगठन बताया है और उस समेत दूसरे 'खालिस्तानी आतंकी संगठनों' पर साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। FIR में दावा किया गया है कि भारत सरकार के खिलाफ प्रचार अभियान और प्रोपैगेंडा चलाने के लिए के लिए विदेशों में भारी फंड इकट्ठा किया गया था। इसके लिए अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी और दूसरी जगहों पर भारतीय मिशनों के बाहर प्रदर्शन किए गए।

FIR

आतंकी कामों के लिए भारत भेजा गया पैसा- FIR

FIR में यह भी दावा है कि इस तरह जुटाया गया पैसा NGO के जरिये भारत में खालिस्तान समर्थक तत्वों को भेजा गया ताकि वो आतंकी कृत्य कर सके और भारत के लोगों को आतंकित कर सके। FIR में लिखा गया है कि 'सिख फॉर जस्टिस' के नेतृत्व ने सरकार और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और देश के लोगों तक आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बाधित करने के लिए बड़े स्तर पर योजना बनाई थी।

आलोचना

अकाली दल ने केंद्र सरकार की आलोचना की

एक समय भाजपा की सहयोगी पार्टी रह चुकी शिरोमणि अकाली दल ने इस कदम के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वो किसान नेताओं और आंदोलन के समर्थकों को NIA और ED के समनों से डराने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की निंदा करते हैं। ये लोग देश विरोधी नहीं है। भारत सरकार अब सरकार किसानों को थकाने के प्रयास कर रही है।