कोरोना: अप्रैल के मध्य में चरम पर होगी दूसरी लहर, सबसे प्रभावित राज्य होगा पंजाब- विशेषज्ञ
क्या है खबर?
देश में इस समय कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर चल रही है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को भी देश में 89,129 नए मामले सामने आए हैं।
इसी बीच चिकित्सा विशेषज्ञों ने एक भविष्यवाणी करते हुए सरकार और लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है।
वैज्ञानिकों ने एक एक गणितीय मॉडल के जरिए अनुमान लगाया है कि देश में जारी महामारी की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएगी।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 89,129 नए मामले सामने आए और 714 मरीजों की मौत हुई है। ये पिछले छह महीनों में एक दिन में मिले सर्वाधिक मरीज हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,23,92,260 हो गई है। इनमें से 1,64,110 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 6,58,909 हो गई है।
अनुमान
वैज्ञानिकों ने इस गणितीय मॉडल के जरिए लगाया अनुमान
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल सहित अन्य वैज्ञानिकों ने SUTRA नाम के मॉडल का प्रयोग संक्रमण के मामलों में वर्तमान वृद्धि की प्रवृत्ति का अनुमान लगाया है।
इसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि वैश्विक महामारी की जारी लहर में संक्रमण के रोजाना के नये मामले अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएंगे।
इसी मॉडल के जरिए वैज्ञानिकों ने पहली लहर के अगस्त-सितंबर में चरम पर होने का अनुमान लगाया था।
बयान
मई के अंत तक बिल्कुल कम हो जाएंगे मामले- अग्रवाल
वैज्ञानिक अग्रवाल ने कहा, "इस बात की बहुत आशंका है कि भारत में मामले 15 से 20 अप्रैल के बीच बहुत बढ़ जाएंगे, लेकिन मामलों में गिरावट भी इतनी ही तेजी से होगी और मई के अंत तक मामले बेहद कम हो जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "तेज वृद्धि के कारण नए मामलों की चरम संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनमें घटत और बढ़त भी हो सकती है।"
प्रभावित
दूसरी लहर का सबसे प्रभावित राज्य हो सकता है पंजाब- अग्रवाल
वैज्ञानिक अग्रवाल ने कहा, "मौजूदा लहर में पहला राज्य जहां कुछ दिनों में मामले चरम पर पहुंचेंगे वह पंजाब हो सकता है और उसके बाद महाराष्ट्र का नंबर रहेगा।" हालांकि, नए चरम को लेकर मॉडल का अनुमान संक्रमण के रोजाना के मामलों के डाटा के प्रति संवेदनशील हैं।
उन्होंने कहा, "प्रतिदिन मामलों में थोड़ा सा भी परिवर्तन चरम संख्या में कई हजार संख्या का बदलाव आ सकता है, लेकिन चरम का समय मध्य अप्रैल ही रहेगा।"
अन्य
अन्य वैज्ञानिकों ने भी अप्रैल-मई को बताया चरम का समय
हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के गौतम मेनन समेत अन्य वैज्ञानिकों की व्यक्तिगत गणना में भी संक्रमणों के चरम पर पहुंचने का अनुमान मध्य अप्रैल और मध्य मई के बीच जताया गया है।
मेनन ने कहा, "संक्रमण के मामलों में महज पांच दिनों का तेज उछाल भी किसी भी अत्यधिक सटीक भविष्यवाणी, इनपुट से जुड़ी कई अनिश्चितताओं को बढ़ा सकती है।" ऐसे में अब इन भविष्यवाणियों को देखते हुए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे।
अध्ययन
गणितीय मॉडल से इस तरह लगाया गया है अनुमान
अग्रवाल ने बताया कि भविष्यवाणी के लिए SUTRA मॉडल में तीन मुख्य मापदंडों का उपयोग किया गया है। सबसे पहले संपर्क दर या बीटा को देखा गया है, जिसमें यह पता चलता है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित करता है।
इसी तरह 'रीच' का अध्ययन किया जाता है, जिसमें यह पता चलता है कि संक्रमण का विस्तार कहां तक पहुंचा। इसके बाद 'एप्सिलॉन के तहत पता लगाए गए और अनिर्धारित संक्रमण के मामलों को देखा जाता है।