कोरोना वायरस: लॉकडाउन के समर्थन में उतरे ग्रामीणों ने खुद सील कर दी गांव की सीमाएं
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक सोशल डिस्टेसिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर रखी है। इसके बाद भी शहरों में लोग घरों से बाहर निकलने से नहीं चूक रहे है। पुलिस को उन्हें रोकना पड़ रहा है। इसके उलट ग्रामीण इलाकों के लोगों ने कोरोना की गंभीरता को समझते हुए लोगों के आवागमन को रोकने के लिए खुद ही सीमाओं को सील कर दिया है।
थरुहट क्षेत्र के 50 गांवों के ग्रामीणों ने की सीमाएं सील
लोकडाउन को लेकर ग्रामीणों की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिहार के बगहा में 50 गांवों के लोगों ने अपनी सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी है। इन गांवों में न तो किसी बाहरी को आने की अनुमति है और न ही गांव का कोई व्यक्ति बाहर जा सकता है। इसके अलावा ग्राम संरपंच और नेताओं ने लोगों को लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करने का फरमान भी जारी कर दिया है।
इन गांवों की सीमाओं को किया सील
ग्रामीणों ने खजुरिया, भड़छी, जरार, कटहरवा, सोनगढ़वा, महदेवा सहित 50 गावों की सीमाएं सील कर दी हैं। भड़छी के ग्रामीण ठगई महतो ने कहा कि सभी गांवों में लॉकडाउन के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी शत-प्रतिशत पालन किया जा रहा है।
आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को पैदल सफर करने की हिदायत
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की शाखा प्रबंधक मुन्नी देवी ने कहा कि ग्रामीणों ने आवश्यक सेवाओं में लगे कुछ कर्मचारियों को आवागमन की छूट दी है, लेकिन उसके लिए उन्होंने पैदल सफर करने का फरमान जारी कर रखा है। पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन ने बताया कि थारू बाहुल्य गांवों के लोग खुद ही गांव में लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि पुलिस और प्रशासन को अब लोगों को समझाने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
झारखंड के भी दर्जनों गांवों की सीमाएं की सील
लॉकडाउन के पालन को लेकर झारखंड के दर्जनों गांवों में ग्रामीणों ने सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया है। ग्रामीणों ने 15 अप्रैल तक बाहर से आने वालों व बाहर जाने पर रोक लगा दी है। रांची के बेड़ो उपखंड के केनाभिठा, डुमरी, गडरी, नेहलू, रोगो, जहानाबाज, पागलमेडी खत्रीखटंगा गांवों को सील कर दिया गया है। इसी तरह अनगड़ा उपखंड के मासू, चिलदाग, बेरवाड़ी, लुपुंग, हाहे, रूपड़ू, तिरलाकोचा आदि गांवों में भी आवागमन पूरी तरह से बंद है।
गांवों में खाद्य सामग्री पहुंचाने की अपील
भाजपा नेता जैलेंद्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है। इनका जीवन-यापन दिहाड़ी मजदूरी से होता था। उन्होंने सरकार से ग्रामीणों के लिए खाद्य सामग्री पहुंचाने की अपील की है।
लॉकडाउन के पालन में पीछे नहीं है छत्तीसगढ़ के ग्रामीण
लॉकडाउन के पालन को लेकर नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ के ग्रामीण भी पीछे नहीं है। इस राज्य में मुंगेल, सुकमा और सरगुजा क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने भी अपने-अपने गांवों की सीमाओं पर बेरीकेडिंग लगाकर उन्हें सील कर दिया है। इसके अलावा ग्रामीणों को भी गावं से बाहर नहीं जाने की हिदायत दे दी गई है। इसके अलावा बाहर से आने वाले लोगों को भी गांव में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
मुनादी कर किया जा रहा ग्रामीणों को प्रेरित
सरगुजा जिले के अंबिकापुर में खलिबा गांव में चौकीदार दिन में तीन बार लाउड स्पीकर के जरिए मुनादी कर लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने तथा स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की अपील कर रहा है। इससे ग्रामीणों को प्रेरणा मिल रही है। इसी तरह कांजीपानी गांव की सीमा पर नाकाबंदी कर पोस्टर लगाया गया है। पोस्टर पर लिखा गया है कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बाहरी व्यक्तियों का गांव में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है।
लॉकडाउन में इस तरह लागू की गई है पाबंदी
बता दें कि कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। यह लॉकडाउन आगामी 14 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान हाईवे और राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई हैं और केवल आपातकालीन वाहनों को ही आने-जाने की अनुमति है। ऐसे में केवल जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करने वाले ट्रक, अनिवार्य सेवाओं से संबंधित सरकारी वाहन और एंबुलेंस का ही संचालन हो रहा है।