कनाडा ने अमेरिका से की थी भारत की सार्वजनिक निंदा की मांग, लेकिन ठुकराई गई- रिपोर्ट
कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण स्थिति में हैं। इसी बीच खबर है कि इससे पहले कनाडा ने अमेरिका सहित अपने करीबी सहयोगियों देशों से सार्वजनिक रूप से निज्जर की हत्या की निंदा करने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
G-20 सम्मेलन से पहले 'फाइव आईज' देशों की बैठक में उठा था मुद्दा
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी सरकार और उसके सहयोगियों ने कूटनीतिक संतुलन के मद्देनजर कनाडा के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया क्योंकि वह भारत के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली में हुए G-20 शिखर सम्मेलन से पहले के हफ्तों में निजी तौर पर फाइव आईज देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में खालिस्तानी नेता निज्जर की हत्या का मामला उठाया गया था।
G-20 सम्मेलन में सार्वजनिक रूप से नहीं हुआ जिक्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि G-20 बैठक में सार्वजनिक रूप से निज्जर की हत्या मामले का जिक्र नहीं किया गया क्योंकि सहयोगी देशों ने इस आयोजन को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा था।
ट्रूडो ने क्या आरोप लगाए थे?
सोमवार को कनाडाई संसद में प्रधानमंत्री मंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से लगाए गए आरोपों के कारण भारत और कनाडा के संबंधों में दरार का आ गई है। ट्रूडो ने कहा था, "कनाडाई एजेंसियां निज्जर की हत्या में भारत की साजिश की संभावनाओं की जांच कर रही हैं और भारतीय एजेंट्स और हत्या के बीच संभावित संबंधों के विश्वनीय आरोप हैं।" कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया था।
भारत ने जवाबी कार्रवाई में कनाडाई राजनयिक को किया निष्कासित
कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोप लगाने और भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने की जवाबी कार्रवाई में भारत ने भी एक शीर्ष कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि कनाडाई राजनयिक भारत में अपने देश के लिए जासूसी कर रहा था और उसे भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते अगले 5 दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
ट्रूडो बोले- मामले को गंभीरता से ले भारत सरकार
विवाद के बाद मंगलवार को ट्रूडो ने जोर देकर कहा था, "हम भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम तथ्यों को वैसे ही सामने रख रहे हैं, जैसे हम उन्हें समझते हैं और हम भारत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "भारत सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। हम शांत रहकर अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों पर कायम रहेंगे।"
मामले में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता
रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि ट्रूडो ने राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के समक्ष निज्जर की हत्या के मामले को उठाया था, जिसके बाद इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में चर्चा होने की उम्मीद है। मंगलवार को मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए व्हाइट हाउस ने कनाडा की जांच को आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत के समक्ष यह मुद्दा उठाया है।
क्या है निज्जर की हत्या का मामला?
19 जून को खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की वैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित किया था और वह भारत विरोधी हिंसक घटनाओं में शामिल था। उसके आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) से भी संबंध थे। इस हत्याकांड में भारत सरकार की संलिप्तता का दावा करते हुए कनाडाई सरकार ने एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया, जिसके बाद भारत सरकार ने भी जवाबी कार्रवाई की है।