केरल: शपथ लेने से पहले ही पिनरई विजयन के मंत्रिमंडल पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?
पिनरई विजयन लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास बनाने जा रहे हैं। वो पिछले 45 सालों में राज्य के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होंगे। उनके नेतृत्व में CPM के नेतृत्व वाले गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। हालांकि, इस बार विजयन पद की शपथ लेने से पहले ही चर्चा में आ गए हैं और उनके भावी मंत्रिमंडल को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
मंत्रिमंडल में सभी नए चेहरे
दरअसल, विजयन ने पिछली सरकार के सभी मंत्रियों से पद वापस ले लिए हैं। यानी कोई भी पुराना मंत्री इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। नई सरकार में सभी नए मंत्री शामिल होंगे और इसी बात को लेकर वो चर्चा में बने हुए हैं।
केके शैलजा को बाहर रखने पर उठ रहे सवाल
विजयन की नई कैबिनेट में केके शैलजा को जगह नहीं मिली है और यही बात सबको चौंका रही है। 2018 में निपाह और पिछले साल कोरोना वायरस से निपटने को लेकर प्रशंसा पा चुकीं केके शैलजा को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जा रहा है। टीचर रहीं शैलजा कोरोना के खिलाफ केरल की लड़ाई का प्रमुख चेहरा थीं। महामारी के खिलाफ बेहतर काम के चलते न सिर्फ देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी तारीफ हुई थी।
क्या लोकप्रिय होने का खामियाजा भुगत रहीं शैलजा?
केके शैलजा की लोकप्रियता विधानसभा चुनावों में उनकी जीत से भी नजर आती है। उन्हें कन्नूर जिले की मत्तानुर विधानसभा सीट से 60,000 से अधिक वोटों से जीत मिली है, जो इन चुनावों का सबसे बड़ा अंतर रहा। कुछ लोगों का कहना है कि शैलजा की बढ़ती लोकप्रियता ही उनके खिलाफ गई है। इंडिया टुडे के अनुसार, वृंदा करात समेत पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से शैलजा को मंत्रीपद न दिए जाने पर नाराजगी जताई है।
भाई-भतीजावाद के भी लगे आरोप
वामपंथी पार्टियां अभी तक मोटे तौर पर भाई-भतीजावाद के आरोपों से दूर रही है, लेकिन इस बार पिनरई विजयन को ऐसे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, उन्होंने अपने दामाद पीए मोहम्मद रियाज को कैबिनेट में जगह दी है। रियाज डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के प्रमुख हैं और छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। पिछली साल जून में उनकी शादी विजयन की बेटी टी वीणा से हुई थी।
पार्टी के सचिव की बहू को मिली कैबिनेट में जगह
रियाज के अलावा इस बार आर बिंदू को भी विजयन कैबिनेट में जगह मिल रही है। वो केरल CPI-M के महासचिव ए विजयराघवन की बहू हैं। बिंदु विजयन कैबिनेट की दूसरी महिला मंत्री हैं। उनके अलावा वीणा जॉर्ज को भी मंत्री बनाया जा रहा है।
किस पार्टी को मिले कितने मंत्री पद?
केरल के 21 सदस्यों वाले मंत्रीमंडल में सबसे ज्यादा CPI-M को 12, CPI को चार, केरल कांग्रेस (मणि) और जनता दल (सेकुलर) को एक-एक मंत्री पद मिला है। बाकी के मंत्रीपद गठबंधन की सहयोगी छोटी पार्टियों के पास जाएंगे। मंत्रीपद छिनने के बाद शैलजा को पार्टी की मुख्य व्हिप बनाया गया है। वहीं वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद एमबी राजेश केरल विधानसभा के स्पीकर होंगे। उन्होंने चुनाव में कांग्रेस के वीटी बलराम को हराया था।
20 मई को शपथ लेंगे विजयन
पिनरई विजयन 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बता दें कि उनके नेतृत्व में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने 99 सीटें जीती हैं। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को 41 सीटें मिलीं, वहीं नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) एक भी सीट हासिल नहीं कर पाया।