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बृजभूषण ने महिला पहलवानों को दी थी करियर बिगाड़ने की धमकी- दिल्ली पुलिस
बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों को दी थी उनका करियर बिगाड़ने की धमकी

बृजभूषण ने महिला पहलवानों को दी थी करियर बिगाड़ने की धमकी- दिल्ली पुलिस

लेखन महिमा
संपादन मुकुल तोमर
Jan 05, 2024
05:20 pm

क्या है खबर?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार को भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि बृजभूषण ने महिला पहलवानों को उनका करियर बिगाड़ने की धमकी दी थी। पुलिस ने कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने पर नए सिरे से बहस शुरू की है। अब अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।

मामला 

नए सिरे से बहस क्यों शुरू हुई?

यह मामला 6 महिला पहलवानों द्वारा दायर 6 शिकायतों पर आधारित है। मामले में नए सिरे से बहस इसलिए शुरू की गई है क्योंकि इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने वाले न्यायाधीश हरजीत सिंह जसपाल का तबादला हो गया है। अब मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत कर रही हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पिछले साल भाजपा के सांसद बृजभूषण के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।

दलील

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को क्या बताया?

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने बृजभूषण पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के बयानों को पढ़ा। उनके अनुसार, बृजभूषण ने पहलवानों से कहा था, "आगे कुश्ती खेलनी है तो चुप रहना। मैं किसी का करियर बना सकता हूं तो बिगाड़ भी सकता हूं।" श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि यह टिप्पणी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 के तहत अपराध है।

आरोप 

दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट को और क्या बताया?

सुनवाई के दौरान श्रीवास्तव ने एक अन्य शिकायतकर्ता के बयान का हवाला देते हुए कोर्ट से कहा, "बृजभूषण ने एक पहलवान से पूछा कि वो धोती-कुर्ता में कैसे लग रहे हैं। क्या यह एक लड़की से पूछा जाने वाला सवाल है?" वकील ने बृजभूषण के पहलवान को गले लगाने और फिर इसे 'पितातुल्य कार्य' बताया। उन्होंने कहा, "गलत नीयत वाला व्यक्ति हमेशा सचेत रहता है। उन्होंने यह स्पष्टीकरण क्यों दिया था?"

सह-आरोपी 

सह-आरोपी के कमरे में बुलाई जाती थीं महिला पहलवान, बंद रहता था दरवाजा

पहलवानों की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने बताया कि केवल महिला पहलवानों को सह-आरोपी और WFI के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के कार्यालय में प्रवेश की अनुमति थी। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि तोमर के कार्यालय के दरवाजे बंद रहते थे और किसी भी पुरुष पहलवान को प्रवेश नहीं करने दिया जाता था। वकील ने कहा, "यह इनके इरादे को दिखाता है, लड़कियां अंदर थीं, इसलिए दूसरे लड़कों को चले जाने के लिए कहा गया।"

मामला

क्या है पूरा मामला?

पिछले साल एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें गलत तरीके से छाती, स्तन, पेट और जांघ छूने और सेक्सुअल फेवर मांगने के आरोप शामिल हैं। बाद में एक नाबालिग पहलवान ने अपनी आरोप वापस ले लिए। मामले में साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों समेत कई पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था।

आरोपपत्र 

दिल्ली पुलिस ने पिछले साल दायर किया था आरोपपत्र 

दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 15 जून को बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोपपत्र दायर किया था। इस मामले में पुलिस ने 44 गवाह बनाए हैं। पूर्ववर्ती न्यायाधीश हरजीत जसपाल ने पिछले साल 20 जुलाई को बृजभूषण को कई शर्ताें के साथ 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी।