दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यूजक्लिक के संस्थापक और HR प्रमुख की रिमांड पर फैसला सुरक्षित रखा
दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को न्यूजक्लिक समाचार वेबसाइट के संस्थापक और मानव संसाधन (HR) प्रमुख की गिरफ्तारी, प्राथमिकी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती पर चीन से फंडिंग और देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप है। न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने दोनों पक्षों को 2 घंटे सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
ट्रायल कोर्ट के आदेश को दी है चुनौती
लाइव लॉ के मुताबिक, हाई कोर्ट तय करेगा कि दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) प्राथमिकी को चुनौती देने के संबंध में नोटिस जारी किया जाये या नहीं। पुरकास्यथ और चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में UAPA प्राथमिकी और ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें दोनों को 7 दिन की रिमांड में 10 अक्टूबर तक भेजा है। दोनों के वकील कपिल सिब्बल ने चीनी फंडिंग के आरोपों को ठुकराया है।
क्या है मामला?
2021 में ED ने न्यूजक्लिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि वेबसाइट को विदेशों से 3 साल में लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली। जांच में पाया गया कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम की ओर से न्यूजक्लिक को फंडिंग दी गई, जिसे देश में चीन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कई लोगों में बांटा गया। सिंघम पर चीन का प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगता है और वे चीनी मीडिया से जुड़े हुए हैं।