BPSC छात्रों का विरोध: प्रशांत किशोर और 700 अन्य लोगों के खिलाफ क्यों दर्ज हुई FIR?
क्या है खबर?
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर चल रहा छात्रों का विरोध प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया।
ऐसे में पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ पानी की बौछार भी करनी पड़ी। इस मामले में पुलिस ने चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर और कुछ कोचिंग सेंटर मालिकों सहित 700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आइए जानते हैं आखिर पुलिस ने प्रशांत किशोर को आरोपी क्यों बनाया है।
प्रकरण
क्या है BPSC परीक्षा विवाद?
BPSC प्रारंभिक परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने और कई अन्य अनियमितताओं को लेकर छात्र 13 दिसंबर से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों का दावा है कि उन्हें परीक्षा शुरू होने के करीब 1 घंटे बाद प्रश्नपत्र मिले थे। अन्य का आरोप है कि उत्तर पुस्तिकाएं फाड़ दी गईं, जिससे कदाचार की आशंका बढ़ गई।
अभ्यर्थी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने और प्रारंभिक परीक्षा की दोबारा से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
हिंसा
प्रदर्शन में कैसे हुई हिंसा?
छात्रों के समर्थन में जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने रविवार को पटना स्थित गांधी मैदान पर छात्र संसद बुलाई थी।
इसके बाद छात्रों ने मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय किया और वह गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल पड़े।
इस दौरान पुलिस ने बैरिकैडिंग लगाकर छात्रों को रोकने का प्रयास किया। इस पर छात्रों ने बैरिकैडिंग तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया। ऐसे में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और फिर पानी की बौछार भी की।
जानकारी
छात्रों ने जमकर की तोड़फोड़
पुलिस कार्रवाई से गुस्साए छात्रों ने पुलिस के लाउडस्पीकरों को तोड़ दिया और वाहनों में भी तोड़फोड़ की। इसके अलावा, प्रदर्शनकारी छात्र पुलिसकर्मी और अन्य अधिकारियों से भी भिड़ गए। बाद में पुलिस ने अतिरिक्त जाब्ता बुलाकर छात्रों को खदेड़ा।
कार्रवाई
पुलिस ने प्रशांत सहित 700 के खिलाफ दर्ज की FIR
इस मामले में पुलिस ने प्रशांत किशोर, उनके दो बाउंसर, जन सुराज पार्टी नेता मनोज भारती, कोचिंग संस्थान संचालक निखिल मणि, रह्मांशु मिश्रा, सुभाष ठाकुर, शुभम स्नेहल सहित 21 नामजद और 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
प्रशांत के खिलाफ अनाधिकृत रूप से छात्रों को जमा करने और सरकार के खिलाफ उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है, जबकि अन्य के खिलाफ राजकार्य में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
कारण
पुलिस ने प्रशांत को क्यों बनाया है आरोपी?
पटना सेंट्रल पुलिस अधीक्षक (SP) स्वीटी सहरावत ने बताया कि जन सुराज पार्टी ने शनिवार को गांधी मैदान में छात्र संसद आयोजित करने की जानकारी जिला प्रशासन को दी थी, लेकिन प्रशासन ने उसे खारिज कर ऐसा न करने को कहा था।
उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रशासन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया और छात्रों को भीड़ जमा कर सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया है। ऐसे में पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
समर्थन
प्रशांत ने दिया था छात्रों को समर्थन
बता दें कि गत दिनों प्रशांत ने छात्रों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था और रविवार को जेपी गोलंबर तक उनके मार्च में हिस्सा भी लिया था।
उन्होंने छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल की मुख्य सचिव मुलाकात कराने की बात कही थी, लेकिन छात्र मुख्यमंत्री से ही मिलने पर अड़ गए।
इसके बाद प्रशांत उनके साथ रवाना हो गए, लेकिन उन्होंने छात्रों से किसी तरह की हिंसा न करने को कहा था, लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ गई।
विवाद
हिंसा के बाद प्रशांत और छात्रों में हुई बहस
पुलिस कार्रवाई के दौरान प्रशांत के मौके पर न होने से छात्रों का उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। उन्होंने प्रशांत पर उन्हें अकेला छोड़ने का आरोप लगाते हुए तीखी बहस की।
हालांकि, इस मामले पर प्रशांत ने सोमवार को कहा कि वह छात्रों को वहां से जाने की कहने के बाद रवाना हुए थे, लेकिन छात्रों ने उनकी बात नहीं सुनी। वह अभी छात्रों के साथ खड़े हैं और 2 जनवरी से शुरू होने वाले प्रदर्शन में भी शामिल होंगे।